चेन्‍नई की 'वर्चुअल वॉरियर्स' ने कोरोना महामारी के दौरान बचाई है सैकड़ों लोगों की जान..

ये दोनों बहनें, बेड्स की उपलब्‍धता, ऑक्‍सीजन, एंबुलेंस, दवाएं, ऑक्‍सीजन कंसनट्रेटर्स और यहां तक भी भोजन के बारे में भी जानकारी अपने इंस्‍टाग्राम पेज पर उपलब्‍ध कराती है.

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चेन्‍नई:

अपने चेन्नई स्थित घर से दो बहनें-IAS बनने की इच्‍छुक ग्रेस प्रियदर्शिनी एमेनुएल और आर्किटेक्‍ट प्रीति एस्‍थर एनेनुएल, हर रोज कोविड पॉजिटिव मरीजों और उनके परिवार की मदद करती हैं. प्रियदर्शिनी और प्रीति भी कोविड पॉजिटिव होने के बाद संक्रमण से उबरी हैं. ये दोनों बहनें, बेड्स की उपलब्‍धता, ऑक्‍सीजन, एंबुलेंस, दवाएं, ऑक्‍सीजन कंसनट्रेटर्स और यहां तक भी भोजन के बारे में भी जानकारी अपने इंस्‍टाग्राम पेज पर उपलब्‍ध कराती है. दोनों बहनें दिन में 18 घंटे काम करती हैं, इन्‍हें लंबे समय तक अपने डिवाइस पर निर्भर रहना पड़ा है. ये फोन पर बात करती हैं या फिर जरूरतमंदों या अस्‍पतालों और अन्‍य सर्विस उपलब्‍ध कराने वालों को टैक्‍सट मैसेज भेजती रहती हैं.

दोनों बहनों के अनुसार, कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जब तमिलनाडु में ऑक्‍सीजन और हॉस्पिटल बेड्स की कमी हो रही थी, तब उनकी त्‍वरितजानकारी से हजारों मरीजों को मदद मिली. मां प्रमिला एमेनुएल सहित इनके परिवार के पांच सदस्‍य कोरोना पॉजिटिव हो गए थे और नाना-नानी की मृत्‍युसंक्रमण के कारण हुई. यही वह समय था जब हजारों लोगों की तरह इनके परिवार को भी हॉस्पिटल बेड्स और ऑक्‍सीजन की कमी की हकीकत काअहसास हुआ. जानकारी के अभाव में इन सुविधाओं को हासिल करने में इनका समय खराब हुआ था. जैसे ही ये दोनों बहनें रिकवर हुईं तो इन्‍होंने लोगों को इस बारे में विश्‍वसनीय जानकारी उपलब्‍ध कराने का निर्णय लिया. इस काम के लिए किस बात से प्रेरणा मिलती है, जवाब में प्रीति कहती हैं, 'लोग जबमरने की कगार पर हों और उन्‍हें बेड मिल जाए, इससे ज्‍यादा जिंदगी में किसी को क्‍या चाहिए? जब आपको एंबुलेंस की बीप की आवाज सुनाई देती है तोआपको पता लग जाता है कि शख्‍स की किसी भी समय मौत हो सकती है. मैं बेड का इंतजाम कर देती हूं और उनकी हालत अच्‍छी हो जाती है, इससे ज्‍यादा किसी को और क्‍या चाहिए?  ' 

कुछ सप्‍ताहों के अंदर ही इन्‍होंने एक अनूठा मॉडल विकसित किया है. दुनियाभर के हजारों लोग, जिन्‍हें इनकी मदद से फायदा हुआ, अब स्‍वेच्‍छा से इनकेसाथ हाथ मिलाने के लिए आगे आए हैं. दोनों बहनें, हर जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर करने के पहले अच्‍छी तरह से जांचती हैं. इनकी पहुंच अब पूरेदक्षिण भारत में हो गई है. प्रियदर्शिनी कहती हैं, 'लोगों को हमें कॉल करने की जरूरत नहीं होती क्‍योंकि हम केवल सत्‍यापित जानकारी (verified leads)शेयर करते हैं. हमें कई थैंक्‍यू मैसेज मिलते हैं और ऐसे कॉल आते हैं जिसमें बताया जाता है कि जानकारी ने उनकी किस तरह से मदद की. '

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दोनों बहनों की बेड के बारे में 'खास जानकारी' (specific lead) के कारण HR प्रोफेशनल मार्टिना प्रीति, अपने अंकल की जिंदगी बचाने में सफल रहीं.मार्टिना ने NDTV को बताया, 'अब वे वर्चुअल वालेंटियर बनकर अपना समय इस सेवा के लिए दे रही हैं.' मार्टिना ने कहा, 'जब लग रहा था जिंदगी मेंसब खत्‍म होने वाला है, ऐसी स्थिति में यह मदद बेहद काम आई. अब वह (मार्टिना के अंकल) पूरी तरह रिकवर हो गए हैं. इनके मॉडल से संभवत:सरकार भी सीख ले सकती है.' इन बहनों के सेवाकार्य को, डॉक्‍टर्स, एनजीओ, नर्सों और हेल्‍थ वर्कर्स की ओर से भी मदद मिलती है. ये सब, इन बहनों कोबेड की उपलब्‍धता, ऑक्‍सीजन, आईसीयू और अन्‍य बातों के बारे में जानकारी देते हैं जिसे वे जरूरतमंदों को शेयर करके मदद कर पाती हैं. मानवीय दृष्टिकोण और सोशल मीडिया के उपयोग के बारे में ग्रेस कहती हैं, 'ऑक्‍सीजन खासकर इमरजेंसी केसों के बारे में हमें अस्‍पतालों से जानकारी मिलती है फिर हम फोन करके लोगों की जरूरतें पूरी कर सकते हैं. हम सोशल मीडिया से सही तरीके से और सही उद्देश्‍य के लिए इस्‍तेमाल कर रहे हैं.' आईएएस के तैयारी छूटने के बारे में पूछने पर ग्रेस ने कहा, 'अभी भी मैं लोगों की सेवा कर रही हूं और IAS वास्‍तव में लोगों की सेवा करना ही तो है. '   

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लॉटोलैंड आज का सितारा श्रृंखला में हम आम आदमियों और उनके असाधारण कार्यों के बारे में जानकारी देते हैं. Lottoland चेन्‍नई की वर्चुअल वॉरियर्स के कार्य के लिए एक लाख रुपये की सहायता प्रदान करेगा.

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