नामीबिया से लाए गए चीतों को अगले दो माह में बाड़ से बाहर छोड़ा जाएगा : DFFE

वानिकी, मत्स्य पालन और पर्यावरण विभाग (DFFE) ने नामीबिया से लाए गए 12 चीतों में से एक की मृत्यु की पुष्टि की है. साथ ही कहा कि बाकी 11 चीतों को फिलहाल बाड़ में रखा गया है.

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
नामीबिया से लाए गए चीतों को अगले दो माह में बाढ़ से बाहर छोड़ा जाएगा.
भोपाल:

वानिकी, मत्स्य पालन और पर्यावरण विभाग (DFFE) ने नामीबिया से लाए गए 12 चीतों (Cheetahs) में से एक की मृत्यु की पुष्टि की है. विभाग का कहना है कि फरवरी 2023 में भारत में चीता मेटा-आबादी का विस्तार करने की पहल के हिस्से के रूप में स्थानांतरित किया था. वहीं  DFFE चीता की मौत के लिए शव परीक्षण की प्रतीक्षा कर रहा है. वहीं सभी दक्षिण अफ़्रीकी चीते बड़े बाड़ों में हैं और उन पर दिन में दो बार कड़ी निगरानी रखी जाती है. जिससे कि चीतों के व्यवहार, चाल-चलन और शरीर की स्थिति का दूर से मूल्यांकन किया जा सके और उनके स्वास्थ्य की स्थिति का सटीक पता लगाया जा सके. 

इस साल की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका और भारत की सरकारों ने चीता को भारत में लाने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए. जिसके अंतर्गत पीएम मोदी के जन्मदिन पर 12 चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया था. एक चीते की मौत के बाद शेष ग्यारह दक्षिण अफ़्रीकी चीतों को अगले दो महीनों में मुक्त श्रेणी की स्थितियों में छोड़ा जाएगा. कूनो एक बिना बाड़ वाला संरक्षित क्षेत्र है जो तेंदुओं, भेड़ियों, आलसी भालू और धारीदार हाइना सहित प्रतिस्पर्धी शिकारियों से भरा है पड़ा है. 

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर में कूनो नेशनल पार्क चीतों को छोड़ा था. इन सभी चीतों को कूनो पार्क के अंदर विशेष बाड़ों में रखा गया था. सभी चीतों को नामीबिया और दक्षिण आफ्रीका से भारत लाया गया था. आठ चीतों में से 5 मादा की उम्र 2 से 5 साल, जबकि नर चीतों की आयु 4.5 साल से 5.5 साल के बीच थी. 

Advertisement

यह भी पढ़ें :  

Featured Video Of The Day
Delhi Air Pollution: बढ़ते प्रदूषण के बीच दिल्ली में पाबंदियों का चौथा राउंड शुरू | GRAP-4 Imposed
Topics mentioned in this article