कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए चुनाव आयोग ने चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद से ही बड़ी सार्वजनिक रैलियों और जनसभाओं पर रोक लगा रखी है. सिर्फ डोर टू डोर प्रचार हो रहा है. ऐसे में वीआईपी नेताओं और स्टार प्रचारकों को चुनाव क्षेत्रों तक ले जाने के लिए चार्टर्ड फ्लाइटों औऱ हेलीकॉप्टरों की भी जरूरत नहीं पड़ रही है. जबकि आम समय में स्टार प्रचारक एक दिन में कई रैलियां करते थे. इस कारण चार्टर उड़ान सेवाओं के ऑपरेटरों की हालत खस्ताहाल है. इनऑपरेटरों ने कहा कि इस समय हर माह 350-400 उड़ान घंटों में से केवल 10-15 प्रतिशत चुनाव से जुड़ी हैं. क्लब वन एयर के सीईओ राजन मेहरा ने कहा, चुनाव संबंधी यात्रा ने रफ्तार नहीं पकड़ी है.
यह दिसंबर मध्य से शुरू हुई थीं, लेकिन फिर चुनाव आयोग ने रैलियों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा कर दी. इससे अधिकांश चुनाव यात्रा पूरी तरह से बंद हो गई. मेहरा ने कहा कि चुनाव संबंधी यात्रा बहुत सीमित है. जेटसेटगो एविएशन की सीईओ कनिका टेकरीवाल ने कहा कि कोरोना के कारण रैलियों पर प्रतिबंध होने के कारण कंपनी से पिछले साल की तुलना में इस साल चुनाव से संबंधित यात्रा के लिए केवल 70 प्रतिशत पूछताछ की गई है.
टेकरीवाल ने कहा, रैलियों पर प्रतिबंध बढ़ा दिया गया है, इसलिए इस वक्त रैलियों के लिए हम ज्यादा उड़ानें चुनावी यात्रा के लिए बुक होते नहीं देख रहे हैं जेटसेटगो एविएशन और क्लब वन कंपनी एयर क्रमश: 18 और 10 चार्टर उड़ानों का परिचालन करती हैं. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में आठ जनवरी को चुनाव की तारीखों की घोषणा करते हुए निर्वाचन आयोग ने 15 जनवरी तक रैलियों, रोड शो और बाइक रैलियों तथा इसी तरह के प्रचार कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी.
आयोग ने 15 जनवरी को प्रतिबंध को 22 जनवरी तक बढ़ा दिया था. शनिवार को इसे बढ़ाकर 31 जनवरी कर दिया गया. मेहरा ने कहा कि भले ही चार्टर कंपनियों के लिए चुनाव संबंधित यात्रा ने रफ्तार नहीं पकड़ी है, लेकिन विमानन कारोबार (चार्टर उड़ान परिचालन) के लिए कुल मिलाकर स्थिति अच्छी रही है.
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