Chandra Grahan: सूतक काल शुरू, बद्री-केदार से लेकर काशी और अयोध्‍या तक मंदिरों के कपाट बंद  

ऐसा माना जाता है कि सूतक शुरू होते ही सभी मंदिरों के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं और धार्मिक अनुष्ठान या शुभ कार्य रोक दिए जाते हैं.

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  • भारत में सात सितंबर की रात को वर्ष 2022 के बाद सबसे लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण पूरे देश में दिखेगा.
  • ग्रहण के कारण उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के सभी प्रमुख मंदिर सूतक काल में बंद कर दिए गए हैं.
  • बदरीनाथ, केदारनाथ, अयोध्या और काशी के मंदिर 7 सितंबर दोपहर से 8 सितंबर सुबह तक बंद रहेंगे.
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नई दिल्‍ली:

भारत में आज साल का आखिरी चंद्रग्रहण है. वर्ष 2022 के बाद भारत में दिखाई देने वाला सबसे लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण सात सितंबर की रात को होगा.  27 जुलाई, 2018 के बाद यह पहली बार होगा जब देश के सभी हिस्सों से पूर्ण चंद्रग्रहण देखा जा सकेगा. जहां ग्रहण रात 9 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगा तो वहीं सूतक काल 12 बजकर 58 मिनट से शुरू हो चुका है. इसे देखते हुए उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में स्थित सभी अहम मंदिरों को बंद कर दिया गया है. 

अब कब खुलेगा मंदिर 

देशव्यापी चंद्रग्रहण के कारण बदरीनाथ और केदारनाथ मंदिर  सहित सभी छोटे बड़े अधीनस्थ मंदिरों को सूतक काल 9 घंटे पहले अर्थात आज  7 सितंबर रविवार दोपहर 12 बजकर 58 मिनट पर ग्रहणकाल तक के लिए बंद कर दिया गया है. उत्तर प्रदेश में भी अयोध्‍या और काशी के भी मंदिर बंद कर दिए गए हैं. बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने एक प्रेस रिलीज जारी कर बताया है कि  सभी मंदिर 8 सितंबर प्रात: शुद्धिकरण के बाद या यथा समय दर्शन के लिए खुलेंगे. 

काशी में निराश लौटे श्रद्धालु 

इसी तरह से उत्तर प्रदेश के वाराणसी में भी सूतक शुरू होते ही मंदिर बंद कर दिए गए हैं. ग्रहण के नौ घंटे पहले लगने वाले सूतक में भगवान की पूजा-आरती करना शास्त्र के विरुद्ध है. इसलिए दोपहर में ही काशी के सभी मंदिरों के कपाट  बंद कर दिए गए हैं. मंदिरों के गर्भ गृह को भी बंद कर दिया गया हैं. इससे ग्रहण में सूतक के दौरान मंदिरो को बंद करने की परंपरा जारी है लेकिन बाहर भक्तों और पर्यटकों को जिन्‍हें मंदिर बंद होने की जानकारी नहीं थी, उन्‍हें दर्शन न मिल पाने के कारण निराश होकर लौटना पड़ रहा है.

दशाशवमेध घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती भी शाम की जगह दोपहर मे ही कर दी गई है. न सिर्फ काशी बल्कि हरिद्वार में हर की पौड़ी पर भी चंद्रग्रहण की वजह से शाम को होने वाली गंगा आरती 'सूतक काल' के कारण दोपहर 12:30 बजे हो गई. गंगा आरती के बाद सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए हैं. 

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अयोध्या में भी मंदिर बंद 

प्राचीन हनुमान मंदिर के बाहर और अंदर नोटिस भी लगा हुआ है. इसमें लिखा है कि सूतक लगने से 7 सितंबर दोपहर 1 से लेकर 8 सितंबर सुबह 4 बजे तक मंदिर बंद रहेगा. कुछ भक्तगण जो मंदिर पहुंच रहे वो मंदिर के परिसर में ही बैठकर मंत्र पढ़ रहे या हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं. चंद्रग्रहण के चलते रविवार को दोपहर 12:30 बजे से अयोध्‍या के रामलला मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए गए हैं. मंदिर की तरफ से बताया गया है कि मंदिर 8 सितंबर को सुबह खुलेगा और तब दर्शनार्थी दर्शन कर पाएंगे. 

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मुंबई में भी मशहूर सिद्धीविनायक मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए गए हैं. अब मंदिर सोमवार को सुबह शुद्धि के बाद ही खुलेगा. 

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ऐसा माना जाता है कि सूतक शुरू होते ही सभी मंदिरों के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं और धार्मिक अनुष्ठान या शुभ कार्य रोक दिए जाते हैं. इस दौरान खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते, कुश या दूब डालना शुभ माना जाता है और मानते है कि इनसे चीजें अशुद्ध नहीं होती.

15 दिन बेहद सावधानी वाले 

चंद्रग्रहण पर पीतांबरा पीठ के पीठाधीश्वर आचार्य विक्रमादित्य ने कहा, 'रविवार को लगने वाले चंद्रग्रहण का सूतक काल करीब 9 घंटे पहले, दोपहर करीब 1 बजे से शुरू हो जाएगा.  ग्रहण रात 9:57 बजे शुरू होगा. यह कुंभ राशि में घटित होगा, जहां चंद्रमा राहु के साथ युति में होगा जिससे ग्रहण काल ​​बनेगा. करीब साढ़े तीन घंटे का यह ग्रहण रहने वाला है. उन्‍होंने कहा कि यह ग्रहण काफी विशेष समय पर आया है.

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उन्‍होंने कहा कि श्राद्ध से पहले चंद्रग्रहण पड़ रहा है और श्राद्ध खत्‍म होते ही सूर्यग्रहण पड़ रहा है. उनका कहना है कि बीच में य‍ह 15 दिन का समय बहुत सावधानीभरा है और कई ग्रहों के परिवर्तन का योग बन रहा है. साथ ही ग्रहण की वजह से अगले 40 दिनों में ग्रहणों के प्रभाव से विश्‍व में कई प्रकार की उथल-पुथल देखने को मिलेगी. 

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