पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ लगे 100 करोड़ की वसूली के आरोपों की जांच कर रहे चांदीवाल आयोग ने मुंबई के पूर्व सीपी परमबीर सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है. साथ ही 50 हजार बॉन्ड भी भरने को कहा है. दरअसल, आज मुंबई के पूर्व सीपी परमबीर सिंह को आयोग ने बयान के लिए बुलाया था. बार-बार बुलाए जाने के बाद भी एक बार भी हाजिर नहीं हुए हैं. पिछली तारीख को आयोग ने चेतावनी दी थी कि 7 सितंबर को अगर परमबीर सिंह नहीं आएंगे तो उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाएगा.
महाराष्ट्र सरकार ने इस साल मार्च में सिंह द्वारा राज्य के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ लगाए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) कैलाश उत्तमचंद चांदीवाल के एक सदस्यीय आयोग का गठन किया था. इससे पहले भी आयोग के समक्ष पेश न होने पर उन पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था. जून में भी आयोग ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को समन भेजे जाने के बावजूद उसके समक्ष पेश न होने के लिए 5,000 रुपये का जुर्माना भरने को कहा था. यह धनराशि मुख्यमंत्री के कोविड-19 राहत कोष में जमा की जानी है.
मुंबई पुलिस आयुक्त पद से हटाए जाने और मार्च में होम गार्ड्स में तबादला किए जाने के कुछ दिनों बाद सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे एक पत्र में दावा किया था कि अनिल देशमुख पुलिस अधिकारियों से मुंबई में रेस्त्रां तथा बार मालिकों से पैसा लेने के लिए कहते थे. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता देशमुख ने आरोपों से इनकार किया है. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच कर रहे हैं.