पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर के मौजूदा हालात को बनाए रखना चाहती है ताकि वह चुनावों में वोट हासिल कर सके.
मुफ्ती ने यह टिप्पणी जम्मू कश्मीर सरकार की ओर से तीन कर्मचारियों को राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में बर्खास्त करने एवं आतंकवादियों की संपत्तियों को कुर्क करने के मद्देनजर की है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर कहा, “आतंकवाद से लड़ने के नाम पर सरकारी कर्मचारियों को मनमाने तरीके से बर्खास्त किया गया है और परिवारों को कानूनी उपायों का सहारा लेने का मौका दिए बिना ही घरों को कुर्क कर लिया गया है. यह बेगुनाह परिवारों को सामूहिक दंड है और उनकी जिंदगियों को खत्म करना है.”
उन्होंने कहा कि सख्त नीति देश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वोट बैंक को तो रिझा सकती है लेकिन यह न सिर्फ जम्मू कश्मीर में जिंदगियों को उजाड़ेगी बल्कि यहां के लोगों में देश के बाकी हिस्सों से दूर होने की भावना पैदा करेगी.
मुफ्ती ने कहा कि भारत सरकार कश्मीर में मौजूदा हालात बनाए रखना चाहती है ताकि इसका इस्तेमाल कर चुनावों में वोट हासिल किए जा सकें.
पाकिस्तान में बैठकर यहां आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने वाले आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखते हुए राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने शुक्रवार को बारामूला जिले में ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ) के सदस्य बासित अहमद रेशी की एक संपत्ति कुर्क की.
इससे पहले बृहस्पतिवार को अल-उमर मुजाहिदीन के संस्थापक और स्वयंभू मुख्य कमांडर मुश्ताक जरगर उर्फ ‘लट्राम' की श्रीनगर स्थित एक संपत्ति को सील कर दिया गया था.
प्रशासन ने हाल में तीन सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त किया है. उन्हें कई विस्फोट करने के आरोप में हाल में गिरफ्तार किया गया था.
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