सरकार ने कर्ज में डूबी वोडाफोन आइडिया के 16,133 करोड़ रुपये से अधिक के ब्याज बकाये को इक्विटी में बदलने की मंजूरी दे दी है. कंपनी ने शुक्रवार को शेयर बाजार को यह जानकारी दी. सरकार को 10 रुपये के अंकित मूल्य वाले इक्विटी शेयर इसी कीमत पर जारी किए जाएंगे.
वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (वीआईएल) ने शेयर बाजार को बताया, ‘‘संचार मंत्रालय... ने आज यानी तीन फरवरी, 2023 को एक आदेश पारित किया... कंपनी को निर्देश दिया कि वह स्पेक्ट्रम नीलामी की किस्तों को टालने से संबंधित ब्याज और समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बकाये को इक्विटी शेयरों में बदले, जिसे भारत सरकार को जारी किया जाएगा.''
कंपनी को यह राहत सितंबर, 2021 में सरकार द्वारा घोषित सुधार पैकेज के तहत मिली है.
कंपनी ने बताया, ‘‘इक्विटी शेयरों में परिवर्तित होने वाली कुल राशि 1,61,33,18,48,990 रुपये है. कंपनी को 10 रुपये अंकित मूल्य के 16,13,31,84,899 इक्विटी शेयर जारी करने का निर्देश दिया गया है. इनका निर्गम मूल्य भी 10 रुपये है.''
दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि वोडाफोन आइडिया के बकाया को हिस्सेदारी में बदलने का फैसला सरकार ने आदित्य बिड़ला समूह से कंपनी चलाने और जरूरी निवेश लाने की निश्चित प्रतिबद्धता मिलने के बाद किया है.
वैष्णव ने बयान कहा, ‘‘हमने पक्की प्रतिबद्धता मांगी थी कि आदित्य बिड़ला समूह इस कंपनी को चलाएगा और इसके लिए जरूरी निवेश भी लेकर आएगा. बिड़ला समूह ने इस पर सहमति जताई है और इस तरह हम बकाया देनदारी को हिस्सेदारी में बदलने पर सहमत हो गए हैं.''
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार भारतीय दूरसंचार बाजार में बीएसएनएल के अलावा तीन कंपनियों की मौजूदगी चाहती है ताकि उपभोक्ताओं को इनकी स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा मिल सके.
वीआईएल ने इससे पहले कहा था कि बकाये को इक्विटी में बदलने से सरकार को कंपनी में करीब 35 प्रतिशत हिस्सेदारी मिल जाएगी.
वोडाफोन और आइडिया के एक इकाई में विलय के बाद बनी कंपनी देश की सबसे बड़ी दूरसंचार परिचालक थी. इसके पास 2018 में 35 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ 43 करोड़ मोबाइल ग्राहक थे. हालांकि, आज यह कर्ज में डूबकर तीसरे स्थान पर पहुंच गई है.
दूरसंचार नियामक ट्राई के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, कंपनी के पास 24.3 करोड़ मोबाइल ग्राहक हैं और इसकी बाजार हिस्सेदारी 21.33 प्रतिशत है.
वीआईएल ने अभी तक 5जी सेवाओं के उपकरणों के लिए खरीद ऑर्डर नहीं दिया है और अपने वेंडरों का बकाया चुकाने के लिए संघर्ष कर रही है.