सेंट्रल विस्टा : नए पीएमओ के निर्माण के लिए पर्यावरणीय मंजूरी मिली

इस एन्क्लेव में प्रधानमंत्री का नया कार्यालय और कैबिनेट सचिवालय का निर्माण किया जाएगा.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
नई दिल्ली:

सेंट्रल विस्टा परियोजना के हिस्से के रूप में ‘एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव' के निर्माण को दिल्ली प्रदेश पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (एसईआईएए) ने मंजूरी दे दी है. इस एन्क्लेव में प्रधानमंत्री का नया कार्यालय और कैबिनेट सचिवालय का निर्माण किया जाएगा. दिल्ली प्रदेश विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (एसईएसी) ने पिछले सप्ताह एसईआईएए को परियोजना को पर्यावरण संबंधी मंजूरी देने की सिफारिश की थी. एसईआईएए ने बुधवार को एक बैठक में परियोजना पर चर्चा की तथा इसे मंजूरी दे दी.

वन विभाग ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) को 23 अगस्त को दिल्ली पेड़ संरक्षण कानून, 1994 के तहत सेंट्रल विस्टा परियोजना स्थल से 807 में से 487 पेड़ों को उखाड़कर कहीं और लगाने की मंजूरी दी थी. बैठक में एसईआईएए ने कहा कि इस परियोजना से निर्माण स्थल पर 60 प्रतिशत पेड़ों को हटाया जाएगा. सीपीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने कहा कि इस प्रस्ताव को गत वर्ष दिसंबर में पर्यावरणीय मंजूरी के लिए भेजा गया था.

परियोजनाओं को मंजूरी के लिए एसईआईएए के पास भेजे जाने से पहले उनका मूल्यांकन करने वाली एसईएसी ने इस महीने की शुरुआत में पेड़ों को उखाड़कर कहीं और लगाने के लिए दिल्ली सरकार की नीति के क्रियान्वयन की समीक्षा के लिए एक उप-समिति का गठन किया था.

सरकार ने दिसंबर 2020 में अधिसूचित की गई नीति में कहा था कि संबंधित एजेंसियों को उनके विकास कार्यों के कारण प्रभावित 80 प्रतिशत पेड़ों को किसी और स्थान पर लगाना होगा. एसईएसी ने पहली बार 31 जनवरी को एक बैठक में प्रस्ताव पर गौर किया था और उसने निर्माण स्थल पर से बड़ी संख्या में पेड़ों के हटाने की सीपीडब्ल्यूडी की योजना पर चिंता जताई थी.

बाद में, सीपीडब्ल्यूडी ने प्रस्ताव को संशोधित किया और प्रतिरोपित किए जाने वाले पेड़ों की संख्या 630 से घटाकर 487 कर दी और निर्माण स्थल पर छोड़े जाने वाले पेड़ों की संख्या 154 से बढ़ाकर 320 कर दी. नौ अप्रैल को हुई बैठक में, एसईएसी ने पर्यावरण मंजूरी के लिए एसईआईएए को संशोधित प्रस्ताव की सिफारिश करने का फैसला किया.

एसईआईएए ने हालांकि, मामले को एसईएसी को वापस भेज दिया. 1,381 करोड़ रुपये की परियोजना के संशोधित प्रस्ताव के अनुसार, सीपीडब्ल्यूडी निर्माण स्थल पर 1,022 पेड़ों का रखरखाव करेगा, ताकि केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रति 80 वर्ग मीटर भूखंड क्षेत्र में एक पेड़ होना चाहिए.

Advertisement
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Top Headline: Etawah Kathavachak | Kolkata Rape Case | Shefali Jariwala News | Weather Update | NDTV
Topics mentioned in this article