मेहनत मजदूरी करने वालों की मांग, 'टीका पर पैसा खर्च करेंगे तो खाएंगे क्या, गरीबों को मुफ्त में टीका लगवाए सरकार'
कोरोना टीकाकरण के तीसरे चरण के अंतर्गत 1 मई से 18 वर्ष से 44 वर्ष तक के लोगों का टीकाकरण होगा. मेहनत मजदूरी करके अपना और परिवार का पेट पालने वाले श्रमिकों ने कोरोना टीकाकरण फ्री में करने की मांग की है. हालांकि दिल्ली सहित कई राज्यों की सरकारें कोरोना का टीका फ्री में लगाने की घोषणा कर चुकी हैं. दिल्ली की प्रगति मैदान साइट पर कंस्ट्रक्शन का काम करने वाले 32 साल के विशाल सिंह राजस्थान के भरतपुर से दिल्ली मजदूरी करने आए हैं. पिछले एक महीने से प्रगति मैदान के सामने कंस्ट्रक्शन साइट पर काम कर रहे हैं. NDTV से बात करते हुए विशाल ने कहा, '"मजदूर टीका के लिए पैसा कहां से लाएगा. अगर वह टीका पर पैसे खर्च करेगा तो खाएगा क्या? इसलिए मजदूरों को मुफ्त में टीका लगना चाहिए.गरीब लोगों के लिए टीका मुफ्त में होना चाहिए".
इसी कंस्ट्रक्शन साइट पर मजदूरी कर रहे राम बहादुर सिंह अयोध्या से आए हैं. वे भी कहते हैं, 'टीका के लिए पैसे नहीं है.' देश के 10 बड़े श्रमिक संगठनों ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि भारत सरकार, देश के सभी वर्करों समेत सभी नागरिकों का टीकाकरण मुफ्त में करने की पहल शुरू करे. इसके साथ ही उन्होंने लॉकडाउन और कर्फ्यू मी मार झेल रहे वर्करों के लिए आर्थिक राहत पैकेज की मांग भी उठाई है जिसमें इनकम टैक्स की लिमिट में नहीं आने वालों के लिए प्रति माह 7,500 रुपये प्रति माह डायरेक्ट कैश व्यवस्था की मांग शामिल है.
सेंटर फॉर इंडिया ट्रेड यूनियंस (सीटू) के नेशनल सेक्रेटरी स्वदेश देवरॉय ने बताया, "श्रमिक संगठनों ने प्रधानमंत्री को 11 पॉइंट का चार्टर और डिमांड भी भेजा है जिसमें लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू के दौरान किसी भी वर्कर की सैलरी न काटी जाए और उन्हें उनके घर से न निकाला जाए इसके लिए भारत सरकार जरूरी आदेश जारी करे". 1 मई को मई दिवस पर सभी 10 श्रमिक संगठनों से जुड़े मजदूर और नेता अपनी मांगों को लेकर कॉविड प्रोटोकॉल के साथ देशभर में प्रदर्शन करेंगे.