- केंद्र सरकार ने लद्दाख के एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक के एनजीओ एसईसीएमओएल का एफसीआरए रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है.
- वांगचुक पर विदेशी फंड हासिल करने के नियमों का उल्लंघन करने और गलत जानकारी देने का आरोप लगाया गया है.
- केंद्र सरकार ने मंगलवार को लद्दाख में हुई हिंसा और चार मौतों के लिए सोनम वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया है.
केंद्र सरकार ने गुरुवार को लद्दाख के एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक के एनजीओ-स्टूडेंट्स एजुकेशन एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (एसईसीएमओएल )को मिलने वाले विदेशी फंड से जुड़ा लाइसेंस कैंसिल कर दिया है. सरकार ने शाम को वांगचुक के इस एनजीओ को मिले FCRA रजिस्ट्रेशन को कैंसिल करने का फैसला किया है. वांगचुक पर बार-बार एनजीओ के लिए विदेशी फंड हासिल करने वाले कानून के उल्लंघन का आरोप लगा है. यह कदम लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जे वाली मांग के लिए हुए छात्रों के हिंसक विरोध प्रदर्शन के 24 घंटे के बाद उठाया गया है.
वांगचुक को बताया केंद्र ने जिम्मेदार
कुछ घंटे पहले ही सूत्रों की तरफ से बताया गया था कि केंद्र सरकार वांगचुक के खिलाफ कार्रवाई करने की योजना बना रही है. वांगचुक लद्दाख को अलग राज्य बनाने की मुहिम का चेहरा बनकर उभरे हैं. केंद्र सरकार ने मंगलवार को उन्हें हिंसा और चार लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है. गृह मंत्रालय ने कहा कि उनके 'भड़काऊ भाषणों' ने भीड़ को स्थानीय भाजपा कार्यालय और लद्दाख चुनाव अधिकारी के कार्यालय पर हमला करने के लिए उकसाया था.
वांगचुक की बढ़ेंगी मुश्किलें
वहीं वांगचुक के एनजीओ एसईसीएमओएल के खिलाफ ईडी जल्द फेमा के तहत जांच शुरू कर सकती है. वांगचुक SECMOLपर आरोप है कि उसने विदेशी चंदे और पैसों को लेकर सही जानकारी नहीं दी और एफसीआरए कानून के नियमों का पालन नहीं किया. वांगचुक के एनजीओ पर आरोप है कि उसने 3.35 लाख रुपये को विदेशी दान दिखाया था जबकि बाद में कहा कि यह रकम पुरानी बस बेचकर मिली थी. लेकिन यह पैसा न तो एफसीआरए खाते में दिखा और न ही सही तरीके से खुलासा किया गया.
एनजीओ को मिले थी बड़ी रकम
साल 2020-21 में 54,600 रुपये स्थानीय फंड गलती से एफसीआरए खाते में जमा कर दिए गए. संस्था ने माना कि यह भारतीय वॉलंटियर्स से खाना-रहने के खर्च के लिए लिया गया था, लेकिन गलत खाते में चला गया. एक विदेशी संस्था से 4.93 लाख रुपये मिले थे, लेकिन कोविड-19 लॉकडाउन के कारण कार्यक्रम न होने पर पैसा वापस कर दिया गया. मंत्रालय का कहना है कि एफसीआरए कानून में विदेशी फंड वापस करने का कोई प्रावधान नहीं है.
रद्द हुआ रजिस्ट्रेशन
संस्था ने 2020-21 में 79,200 रुपये वेतन और स्टाइपेंड से सीधे काटकर 'फूड फीस' के तौर पर दिखाया. मंत्रालय ने कहा कि यह तरीका गलत है और हिसाब-किताब पारदर्शी नहीं है. गृह मंत्रालय ने माना कि संस्था ने बार-बार एफसीआरए की धारा 8(1)(a), 17, 18 और 19 का उल्लंघन किया है. इसी वजह से संस्था का एफसीआरए रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है. अब SECMOL को विदेश से चंदा या मदद नहीं मिल सकेगी. संस्था को अपने कामकाज के लिए केवल स्थानीय फंड और भारतीय स्रोतों से ही पैसा जुटाना होगा.