बासमती चावल के FOB मूल्य की समीक्षा पर विचार कर रही है केंद्र सरकार, नए मूल्य पर निर्णय होने तक लागू रहेंगे वर्तमान दर

सरकार ने चावल की घरेलू कीमतों पर अंकुश लगाने और घरेलू उपभोक्ताओं के लिए पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए हाल के दिनों में कई कदम उठाए हैं. 

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नई दिल्ली:

उपभोक्ता मामलों और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, APEDA द्वारा बासमती चावल के लिए पंजीकरण-सह-आवंटन प्रमाणपत्र (आरसीएसी) जारी करने के लिए फ्री ऑन बोर्ड (एफओबी) मूल्य की समीक्षा पर विचार कर रहा है. एफओबी मूल्य पर निर्णय होने तक 1200 यूएसडी/एमटी की वर्तमान व्यवस्था को लागू रखा जाएगा. सरकार ने चावल की घरेलू कीमतों पर अंकुश लगाने और घरेलू उपभोक्ताओं के लिए पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए हाल के दिनों में कई कदम उठाए हैं. 

उपायों में से एक यह है कि 1200 अमेरिकी डॉलर प्रति मीट्रिक टन और उससे अधिक मूल्य वाले बासमती चावल निर्यात के अनुबंधों को 25 अगस्त 2023 से प्रभावी पंजीकरण - सह - आवंटन प्रमाणपत्र (आरसीएसी) जारी करने के लिए पंजीकृत किया जा सकता है. सरकार के अनुसार यह उपाय आवश्यक था गैर-बासमती सफेद चावल के गलत वर्गीकरण और अवैध निर्यात के संबंध में विश्वसनीय क्षेत्रीय रिपोर्ट प्राप्त हुई थी, जिसके निर्यात पर 20 जुलाई 2023 से प्रतिबंध लगा दिया गया है. यह बताया गया था कि गैर-बासमती सफेद चावल को बासमती चावल के एचएस कोड के तहत निर्यात किया जा रहा था.

अब, बासमती की नई फसल आनी शुरू हो गई है और जब नई फसल आने लगती है तो आम तौर पर कीमतों में गिरावट होती है. चावल निर्यातक संघों से प्राप्त अभ्यावेदन के आधार पर कि उच्च एफओबी मूल्य देश से बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है,  मंत्री, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण ने बासमती चावल निर्यातकों के साथ एक परामर्श बैठक में भाग लिया था. इस बैठक में हुई चर्चा के आधार पर, बासमती चावल के निर्यात के लिए APEDA द्वारा आरसीएसी जारी करने के नियम पर विचार की जा रही है. सरकार द्वारा उचित निर्णय लिये जाने तक वर्तमान व्यवस्था जारी रहेगी.

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