ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर चल रही सट्टेबाजी पर केंद्र सरकार सख्‍त, जारी किये ड्राफ्ट नियम

केंद्र सरकार ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर चल रही सट्टेबाजी पर बेहद सख्‍त नजर आ रहा है. सट्टा आधारित ऑनलाइन गेम वे खेल हैं, जिनमें नकद दांव, सट्टा या नकद में परिवर्तनीय पुरस्कार शामिल हो. इन्‍हें पूरे देश में प्रतिबंधित किया गया है.

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ड्राफ्ट नियमों के अनुसार, एक ऑनलाइन गेमिंग प्राधिकरण (OGAI) की स्थापना की जाएगी
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  • केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र को नियंत्रित करने और सट्टेबाजी रोकने हेतु ड्राफ्ट नियम जारी किए हैं
  • ड्राफ्ट नियमों के तहत ऑनलाइन गेमिंग प्राधिकरण का गठन किया जाएगा जो खेलों का पंजीकरण और प्रमाणन करेगा
  • सट्टा आधारित ऑनलाइन गेम पूरे देश में प्रतिबंधित होंगे और उल्लंघन करने पर इसे गंभीर गैर-जमानती अपराध माना जाएगा
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नई दिल्‍ली:

केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग को लेकर ड्राफ्ट नियम जारी कर दिए हैं. इसका उद्देश्य तेजी से बढ़ रहे ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र को रेग्यूलेट करना और गेमिंग के नाम पर चल रही सट्टेबाजी को रोकना है. मॉनसून सत्र में इस बारे में विधेयक पारित किया गया था और अब ड्राफ्ट नियमों पर सरकार ने स्टेकहोल्डर्स से सुझाव मांगे हैं. ये 31 अक्तूबर तक दिए जा सकते हैं और उसके बाद अंतिम अधिसूचना जारी कर दी जाएगी.

ड्राफ्ट नियमों के अनुसार, एक ऑनलाइन गेमिंग प्राधिकरण (OGAI) की स्थापना की जाएगी, जिसका मुख्यालय दिल्ली एनसीआर में होगा. आईटी मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण, युवा मामले, वित्तीय सेवाओं के अधिकारी और कानूनी विशेषज्ञ इसके सदस्य होंगे. इसका काम सामाजिक खेलों और ई-स्पोर्ट्स का पंजीकरण और प्रमाणन, स्वीकृत खेलों की राष्ट्रीय रजिस्ट्री बनाए रखना और यह तय करना होगा कि कोई खेल वैध है या सट्टा आधारित है.

ड्राफ्ट नियमों के अनुसार, सट्टा आधारित ऑनलाइन गेम पर प्रतिबंध लगाया गया है. सट्टा आधारित ऑनलाइन गेम वे खेल हैं, जिनमें नकद दांव, सट्टा या नकद में परिवर्तनीय पुरस्कार शामिल हो. यह पूरे देश में प्रतिबंधित किया गया है. इनका उल्लंघन करना गंभीर और गैर-जमानती अपराध माना गया है और इसके लिए कंपनी के सभी कर्मचारी जिम्मेदार ठहराए जा सकते हैं.

साथ ही पंजीकरण अनिवार्य किया गया है जिसकी वैधता अधिकतम 5 वर्ष होगी. यह अनिवार्य प्रमाणन विज्ञापन या संचालन के लिए आवश्यक होगा. साथ ही शिकायतों के निपटारे की व्यवस्था भी की जा रही है. संबंधित ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को शिकायत देनी होगी, जिसका उसे समाधान करना होगा. संतुष्ट न होने पर प्राधिकरण तक अपील की जा सकती है.

ड्राफ्ट नियमों के अनुसार, ई-स्पोर्ट्स: युवा मामले मंत्रालय के तहत आएंगे. जबकि सामाजिक खेल सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन होंगे. जबकि नियमन की जिम्मेदारी इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) को दी गई है.

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