कोरोना की राहत सामग्री के आयात पर सीमा शुल्क और सेस से केंद्र सरकार ने प्रदान की छूट 

केंद्र सरकार ने 3 मई 2021 को आदेश संख्या 4/2021 के जरिये सीमित अवधि के लिए कोविड राहत पर मुफ्त वितरण के लिए प्राप्त सामानों के आयात पर आईजीएसटी (IGST) से छूट दी है.

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India Coronavirus Cases :भारत में रोजाना 3 लाख से ज्यादा कोरोना के नए मामले दर्ज हो रहे हैं. 
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने सीमित अवधि के लिए कोविड-19 संबंधित राहत सामग्री (Covid 19 Relief Materials) के आयात पर मूल सीमा शुल्क और स्वास्थ्य उपकर (सेस) में छूट (Exemption Customs and Cess) के लिए अधिसूचना जारी की है. कोरोना महामारी की जरूरतों को दखते हुए इससे काफी राहत मिलने का अनुमान है. जिन कोविड-19 संबंधित राहत सामग्री को  छूट की सुविधा में शामिल किया गया है, रेमडेसिविर इंजेक्शन समेत कई चिकित्सा सामग्री शामिल हैं. इससे राहत सामग्री को भारत लाने और तेजी से आवश्यक जगहों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी.

इसमें रेमडेसिविर इंजेक्शन/ एपीआई एवं बीटा साइक्लोडेक्सट्रिन (एसबीईबीसीडी), इन्फ्लेमेट्री डायग्नोस्टिक (मार्केट) किट्स को 31 अक्टूबर 2021 तक की छूट प्रदान की गई है. मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन, ऑक्सीजन इलाज से संबंधित उपकरण जैसे ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स, क्रायोजेनिक ट्रांसपोर्ट टैंक आदि को 31 जुलाई तक तक छूट दी गई है. 

वित्त मंत्रालय की ओर से एक बयान में कहा गया है कि केंद्र सरकार को विदेश से धर्मार्थ संगठनों, कॉरपोरेट और अन्य संघों / संस्थाओं से कई प्रतिनिधियों ने यह मांग की है कि कोविड -19 राहत सामग्री (पहले ही सीमा शुल्क से छूट) के आयात पर आईजीएसटी से छूट दी जाए. यह छूट उन सामग्रियों पर मिले जो दान / मुफ्त में वितरण के लिए दी जा रही है.

उसी के आधार पर केंद्र सरकार ने 3 मई 2021 को आदेश संख्या 4/2021 के जरिये सीमित अवधि के लिए कोविड राहत पर मुफ्त वितरण के लिए प्राप्त सामानों के आयात पर आईजीएसटी (IGST) से छूट दी है.केंद्र ने ऑक्सीजन उपकरणों और सामानों पर सीमा शुल्क तत्काल प्रभाव से तीन महीने के लिए माफ कर दिया गया. साथ ही कोविड वैक्सीन लगने वाले सीमा शुल्क पर भी छूट दी गई है. देश में गहराते ऑक्सीजन संकट और 1 मई से 18 साल से अधिक उम्र वाले लोगों के लिए वैक्सीन लगाने से पहले यह फैसला लिया गया है.

सरकार इस समय विदेशों से आने वाले टीकों पर 10 प्रतिशत सीमा शुल्क या आयात शुल्क और 16.5 प्रतिशत आई-जीएसटी तथा सामाजिक कल्याण सेस लगाती थी. इन टैक्सों के चलते आयातित टीके सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक के मुकाबले महंगे हो जाएंगे. सरकार के इस फैसले के बाद अब टीकों की कीमत कम देखने को मिलेगी.

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