केंद्र ने बारिश प्रभावित हिमाचल प्रदेश को पीड़ित लोगों के लिए राहत उपाय करने में मदद करने के लिए अग्रिम सहायता के रूप में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष से 200 करोड़ रुपये जारी करने की रविवार को मंजूरी दे दी. केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र ने पहले 10 और 17 जुलाई को दो किस्तों में राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष के केंद्रीय हिस्से से 360.80 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि को मंजूरी दी थी.
प्रवक्ता ने बताया कि केंद्र सरकार ने सात अगस्त को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF) से राज्य की पिछली बकाया राशि के 189.27 करोड़ रुपये भी जारी किए थे.
उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय ने मौजूदा मानसून के दौरान प्रभावित लोगों के लिए राहत उपाय करने में मदद करने के वास्ते हिमाचल प्रदेश सरकार को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष से अग्रिम राशि के रूप में 200 करोड़ रुपये जारी करने की मंजूरी दे दी है.
हिमाचल प्रदेश में स्थिति पर 24 घंटे नजर
प्रवक्ता ने बताया कि केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश में स्थिति पर 24 घंटे नजर रख रही है और स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार को आवश्यक रसद और वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है. उन्होंने बताया कि बचाव और राहत के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की बीस टीम, भारतीय सेना की नौ टुकड़ियां और भारतीय वायुसेना के तीन हेलीकॉप्टर हिमाचल प्रदेश में तैनात किए गए हैं.
प्रवक्ता ने बताया कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से ज्ञापन की प्रतीक्षा किए बिना, स्थिति का मौके पर आकलन करने और राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे राहत कार्यों के लिए अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दलों को भी तैनात किया था. केंद्रीय दलों ने 19 से 21 जुलाई तक राज्य के प्रभावित इलाकों का दौरा किया.
भूस्खलन और बिजली गिरने से कम से कम 330 लोगों की मौत
गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में मानसून की शुरुआत के बाद से हिमाचल प्रदेश में बारिश, बाढ़, भूस्खलन और बिजली गिरने से कम से कम 330 लोगों की मौत हुई हैं. इस मानसून में हिमाचल प्रदेश के सभी 12 जिले बारिश, बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने से प्रभावित हुए.
आंकड़ों के अनुसार, राज्य में पिछले एक सप्ताह में भूस्खलन की 25 घटनाएं और बादल फटने की एक घटना हुई.