केंद्र ने कोयंबटूर विस्फोट की जांच NIA को सौंपी, बीजेपी ने DMK सरकार पर साधा निशाना

भगवा दल ने सवाल किया कि केंद्रीय खुफिया विभाग ने राज्य सरकार को पहले ही आगाह कर दिया था तो तमिलनाडु सरकार क्यों सो रही थी

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प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली / कोयंबटूर:

केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को कोयंबटूर में हाल ही में एक मंदिर के पास हुए विस्फोट की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (NIA) को सौंपने का निर्णय लिया और इस मामले में एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर विस्फोट की घटना को बढ़ा चढ़ाकर पेश करने का आरोप लगाया, जबकि भगवा दल ने सवाल किया कि केंद्रीय खुफिया विभाग ने राज्य सरकार को पहले ही आगाह कर दिया था तो तमिलनाडु सरकार क्यों सो रही थी.

दिल्ली में एक अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने कोयंबटूर विस्फोट मामले की जांच एनआईए को सौंपने का निर्णय लिया है. तमिलननाडु के पुलिस महानिदेशक सीएस बाबू ने कोयंबटूर में संवाददाताओं से कहा कि इस घटना से संबंधित सबूत जल्द ही एनआईए को सौंप दिए जाएंगे.

केंद्र सरकार का यह कदम मुख्यमंत्री एमएके स्टालिन की उस सिफारिश के बाद उठाया गया है जिसमें दिवाली की पूर्व संध्या पर हुए इस विस्फोट की जांच एनआईए से कराने के लिए कहा गया है.

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पुलिस ने कहा कि इसने कोयंबटूर निवासी अफसर खान नामक एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसने अपने रिश्तेदार जमीशा मुबीन की ई-कॉमर्स मंच से बड़ी मात्रा में विस्फोटक खरीदने में मदद की थी. खान इस मामले में गिरफ्तार किया गया छठा आरोपी है.

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पुलिस ने कहा कि खान संदेह के आधार पर पांच घंटे तक पूछताछ और बुधवार को उसके घर की तलाशी के दौरान लैपटॉप की जब्ती के बाद पुलिस के जाल में फंसा. पुलिस ने बताया कि खान के लैपटॉप को साइबर विश्लेषण के लिए भेजा गया था जिसके बाद गुरुवार की सुबह उसकी गिरफ्तारी की गई.

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इस बीच, पुलिस ने पूर्व में गिरफ्तार पांच आरोपियों, मुहम्मद तल्हा, मुहम्मद अजरुद्दीन, मुहम्मद रियास, मुहम्मद नवाज और फिरोज इस्माइल से पूछताछ शुरू कर दी है जिनकी तीन दिन की हिरासत पुलिस को पांचवें न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत से मिली है.

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गौरतलब है कि 23 अक्टूबर को गैस सिलेंडर धमाके में मारे गए 29 वर्षीय मुबीन के घर से पुलिस ने 75 किलोग्राम विस्फोटक जब्त किया था. धमाका तब हुआ जब वह कार से तमिलनाडु के पश्चिमी वस्त्र उद्योग शहर में मंदिर के सामने से गुजर रहा था और उसने कथित तौर पर पुलिस नाके से बचने की कोशिश की.

तमिलनाडु के बिजली मंत्री सेंथिल बालाजी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह अगले संसदीय चुनावों में राजनीतिक फायदा उठाने के लिए शहर में 23 अक्टूबर को हुए कार विस्फोट मामले को तूल दे रही है.

घटना के बाद वरिष्ठ जिला और पुलिस अधिकारियों के साथ कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में मंत्री ने स्पष्ट किया कि कार के अंदर कोई बम नहीं था और विस्फोट सिलेंडर फटने के कारण हुआ था.

अपनी बात को साबित करने के लिए उन्होंने कहा कि कीलें और कंचे अलग-अलग बिखरे हुए थे तथा सिलेंडर अलग-अलग रखे गए थे, जिससे पता चलता है कि कार में कोई बम नहीं था.

संवाददाताओं से बातचीत में मंत्री ने हैरानी जताई कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने पुलिस के आने से पहले ही घटना का विवरण कैसे दे दिया. मंत्री ने कहा, ‘‘इस संबंध में एनआईए द्वारा उनसे पूछताछ की जानी चाहिए और उनसे पूछा जाना चाहिए कि क्या वह घटना में शामिल थे और इसके बारे में जानते थे?''

उन्होंने कहा कि भाजपा 31 अक्टूबर को बंद का आह्वान कर जनता में अनावश्यक तनाव और भय पैदा करने का प्रयास कर रही है ताकि 2024 के आम चुनाव में राजनीतिक फायदा उठाया जा सके.

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