केंद्र ने राज्यों से पोल्ट्री और पोल्ट्री उत्पादों पर प्रतिबंध के फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा

Bird Flu10 राज्यों में फैलने और कई राज्यों में अलग-अलग तरह की पाबंदियों को देखते हुए केंद्र ने यह अपील जारी की है. केंद्र का कहना है कि अच्छी तरह से पकाया गया चिकन और अंडों का उपभोग इंसान के लिए सुरक्षित है.

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केंद्र ने कहा, उपभोक्ताओं को ऐसी आधारहीन अफवाहों को हवा नहीं देनी चाहिए, जो अवैज्ञानिक हों
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने राज्यों से पोल्ट्री और पोल्ट्री उत्पादों (Poultry Products) पर प्रतिबंध लगाने के फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है. राज्य सरकारों से गैर प्रभावित क्षेत्रों/ राज्यों से आने वाले पोल्ट्री उत्पादों को बेचने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया है. बर्ड फ्लू  (Bird Flu) 10 राज्यों में फैलने और कई राज्यों में अलग-अलग तरह की पाबंदियों को देखते हुए केंद्र ने यह अपील जारी की है. केंद्र का कहना है कि अच्छी तरह से पकाया गया चिकन और अंडों का उपभोग इंसान के लिए सुरक्षित है.

उपभोक्ताओं को ऐसी आधारहीन अफवाहों को हवा नहीं देनी चाहिए, जो अवैज्ञानिक हों और जिनसे भ्रम की स्थिति पैदा होती हो. इससे न सिर्फ पोल्ट्री और अंडों के बाजार पर, बल्कि पोल्ट्री और मक्के के किसानों पर नकारात्मक असर पड़ता है जो पहले से कोविड 19 महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन से प्रभावित हैं.महाराष्ट्र, मुंबई और मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में खेड़ा रोड स्थित पोल्ट्री में एविएन फ्लू (Avian Influenza) के मामलों की पुष्टि हुई है. मध्य प्रदेश के जिलों पन्ना, सांची, रायसेन, बालाघाट के कौओं और श्योपुर (कौए, उल्लू) व मंदसौर (हंस, कबूतर); छत्तीसगढ़ के जिलों बस्तर (कौए, कबूतर) और दंतेवाड़ा (कौए) के पक्षियों; उत्तराखंड की हरिद्वार और लैंसडाउन फॉरेस्ट रेंज के कौओं के नमूनों में एविएन फ्लू की पुष्टि हो गई है.

दिल्ली में रोहिणी से लिए गए बगुले का नमूना एविएन फ्लू के लिए पॉजिटिव पाया गया है. महाराष्ट्र में त्वरित निगरानी दल (आरआरटी) तैनात कर दी गई हैं. मुंबई सहित सभी प्रभावित केंद्रों में मुर्गियों को मारने का क्रम जारी है. मध्य प्रदेश में आरआरटी तैनात कर दी गई हैं. हरियाणा के प्रमुख केंद्रों में मुर्गियों को मारने का क्रम जारी है. राजस्थान और गुजरात से लिए गए नमूने जांच में एआई के लिए निगेटिव पाए गए.

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देश के प्रभावित क्षेत्रों में हालात की निगरानी के लिए बनाए गए केंद्रीय दल प्रभावित स्थानों का भ्रमण कर रहे हैं और महामारी अध्ययन कर रहे हैं. महाराष्ट्र पशुपालन विभाग ने पक्षियों की असामान्य मौत की सूचना देने को किसानों के लिए एक टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर शुरू कर दिया है. बीमारी को फैलने से रोकने के लिए “संक्रमित क्षेत्र” आदि से संबंधित जरूरी अधिसूचनाएं राज्य सरकार ने पहले ही जारी कर दी गई हैं.

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राज्यों भी समाचार पत्रों में विज्ञापन, सोशल मीडिया आदि के माध्यम से जागरूकता के प्रसार से जुड़ी गतिविधियां कर रहे हैं. ट्विटर और फेसबुक हैंडल्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स सहित विभिन्न मीडिया फ्लेटफॉर्म्स के माध्यम से एविएन फ्लू के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए निरंतर प्रयास जारी हैं और हालात से निपटने के तरीके जनता के बीच साझा किए जा रहे हैं.

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