चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य लोगों को ले जा रहा हेलिकॉप्टर टेकऑफ के 20 मिनट बाद कल नीलगिरी में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. हेलिकॉप्टर महज सात मिनट में लैंड करने वाला था, लेकिन हादसे का शिकार हो गया. वायु सेना के Mi-17V-5 हेलीकॉप्टर ने सुबह 11:48 बजे सुलूर एयर बेस से उड़ान भरी और दोपहर 12:15 बजे वेलिंगटन में उतरने की उम्मीद थी. सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि चॉपर के साथ आखिरी रेडियो संपर्क दोपहर 12:08 पर हुआ था.
जनरल रावत को छात्र अधिकारियों से बातचीत करने के लिए डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज का दौरा करना था.
सूत्रों ने बताया कि सुलूर एयर बेस पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल का हेलीकॉप्टर से दोपहर करीब 12:08 पर संपर्क टूट गया.
इसके तुरंत बाद, कुछ स्थानीय लोगों ने कुन्नूर के पास जंगल में आग देखी और सैन्य हेलीकॉप्टर के मलबे को खोजने के लिए घटनास्थल पर पहुंचे. एक असत्यापित फुटेज भी सामने आया है जिसमें हेलिकॉप्टर को क्षेत्र में नीचे की ओर उड़ते हुए और फिर धुंध में गायब होते दिखाया गया है.
बता दें कि भारतीय वायु सेना के पूर्व प्रमुख एयर चीफ मार्शल फली एच मेजर ने Mi-17V-5 हेलिकॉप्टर को बेड़े में शामिल किया था. कल NDTV से बात करते हुए उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि इतने कम समय में क्या गलत हो सकता है.
एयर चीफ मार्शल ने एनडीटीवी को बताया, "सुलूर से वेलिंगटन के लिए उड़ान का समय केवल 20 से 25 मिनट है. इतनी कम उड़ान अवधि में क्या गलत हो सकता है, यह निर्धारित करना बहुत मुश्किल है."
कई अन्य सेवानिवृत्त सशस्त्र बल अधिकारी भी हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से हैरान थे. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज संसद को बताया कि दुर्घटनाग्रस्त हेलिकॉप्टर से "ब्लैक बॉक्स" या उड़ान डेटा रिकॉर्डर बरामद कर लिया गया है और दुर्घटना के कारण सामने आने की उम्मीद है.
वायु सेना द्वारा आदेशित उच्च-स्तरीय, त्रि-सेवा जांच के हिस्से के रूप में डेटा की जांच की जाएगी. जांच का नेतृत्व एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह करेंगे.
हादसे में हेलिकॉप्टर में सवार 14 लोगों में से 13 की मौत हो गई थी. उनका अंतिम संस्कार कल पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया जाएगा.