केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में पिछले वर्ष हुई 22 वर्षीय युवक भुवनेश्वर साहू की हत्या मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है. घटना के बाद राज्य की पुलिस ने 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. सभी आरोपी वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं. राज्य में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में नई सरकार के गठन के बाद राज्य सरकार ने केंद्रीय एजेंसी से मामले की जांच करने का अनुरोध किया था.
प्रेस सूचना ब्यूरो द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि 25 अप्रैल को प्राप्त छत्तीसगढ़ सरकार के अनुरोध और 26 अप्रैल को कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना पर सीबीआई ने राज्य के बेमेतरा जिले में युवक की हत्या के संबंध में 12 आरोपियों के खिलाफ शुक्रवार को फिर से मामला दर्ज किया है.
बयान में कहा गया है कि इसके साथ ही सीबीआई ने पिछले साल आठ अप्रैल को बेमेतरा जिले के साजा पुलिस थाने में 12 लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है.
मामले के अनुसार एक गांव (बीरनपुर) के सातवीं-आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चे स्कूल से लौट रहे थे, तब एक समुदाय के लड़कों ने उनकी पिटाई कर दी, जिस पर गांव में बैठक हुई. जब पीड़ित (भुनेश्वर साहू) अपने दोस्तों के साथ दोपहर में उस समुदाय के मोहल्ले में गया, तब समुदाय के लोगों ने छत से पथराव करना शुरू कर दिया, जिससे पीड़ित को सिर में चोटें आईं. विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसके बाद 12 आरोपियों और अन्य ने कथित तौर पर तेज चाकू और घातक हथियारों से उसकी हत्या कर दी.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उम्मीद जताई कि भुवनेश्वर साहू के परिवार को न्याय मिलेगा. साय ने सोशल मीडिया ‘एक्स' पर लिखा, ''अब बिरनपुर हत्याकांड की जांच करेगी सीबीआई. हमारी सरकार के कैबिनेट के निर्णय और सहमति के आधार पर भारत सरकार ने अधिसूचना भी जारी कर दी है. भुनेश्वर साहू के परिवार को अवश्य मिलेगा न्याय.''
पिछले साल आठ अप्रैल को बेमेतरा जिले के बिरनपुर गांव में दो समुदायों के स्कूली बच्चों के बीच विवाद के बाद भड़की हिंसा में भुनेश्वर साहू की मौत हो गई थी. इसके बाद 11 अप्रैल को बिरनपुर निवासी रहीम मोहम्मद (55) और उनके बेटे इदुल मोहम्मद (35) के शव गांव से कुछ दूरी पर बरामद किए गए थे. उनके शरीर पर चोट के निशान थे.
झड़प के बाद जिला प्रशासन ने क्षेत्र में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी थी, जो गांव में लगभग 20 दिनों तक जारी रही. राज्य में पिछले वर्ष हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने बड़े पैमाने पर इस मुद्दे को उठाया और मृतक भुवनेश्वर के पिता ईश्वर साहू को साजा सीट से मैदान में उतारा था. ईश्वर साहू ने तत्कालीन मंत्री और कांग्रेस के प्रभावशाली नेता रवींद्र चौबे को हरा दिया था. उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने इस वर्ष फरवरी में राज्य विधानसभा में घोषणा की थी राज्य सरकार भुवनेश्वर साहू की हत्या की सीबीआई जांच की सिफारिश करेगी.