यूपी के गोरखपुर ज़िले (Gorakhpur Case) में पुलिस की कथित पिटाई से कानपुर के एक कारोबारी मनीष गुप्ता की मौत को लेकर एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो गोरखपुर के डीएम-एसपी के साथ पीड़ित परिवार की बातचीत का बताया जा रहा है. वीडियो में जो बातचीत है उससे लगता है कि आला अधिकारी आरोपी पुलिस वालों को बचाने की कोशिश कर रहे है और परिवार को इस बात के लिए समझा रहे हैं कि वो केस दर्ज ना करें, हालांकि एनडीटीवी इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है. इस बीच कल जब कारोबारी मनीष का शव गोरखपुर से कानपुर पहुंचा तो पुलिस को जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा. ख़बरों के मुताबिक पीड़ित परिवार आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाक़ात करेगा.
बता दें कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें यूपी गोरखपुर के शीर्ष अधिकारी कथित तौर पर बिजनेसमैन मनीष गुप्ता के परिवार को एफआईआर दर्ज करवाने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं. बता दें कि मनीष गुप्ता की सोमवार को शहर के होटल में देर रात रात पुलिस छापेमारी के दौरान मौत हो गई थी. इस घटना पर लोगों के आक्रोश के बाद मंगलवार रात छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था और उनमें से चार के खिलाफ बुधवार को हत्या का मामला दर्ज किया गया है. वैसे ये स्पष्ट नहीं है कि वीडियो किसने शूट किया, लेकिन रिपोर्ट के अनुसार इसे गोरखपुर के जिला मजिस्ट्रेट विजय किरण आनंद और पुलिस प्रमुख विपिन टाडा के साथ बैठक के दौरान मारे गए व्यवसायी के परिवार के सदस्य द्वारा फिल्माया गया था. इस वीडियो को आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद और यूपी में आप के प्रभारी संजय सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया. उन्होंने वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि ये आदित्यनाथ सरकार के अधिकारी हैं. कह रहे हैं 'FIR न लिखवाओ वरना सालों साल केस चलेगा' SP महोदय खुद मान रहे हैं “पुलिसवालों का पहले से कोई झगड़ा तो था नहीं” मतलब साफ़ है की एक निर्दोष व्यक्ति की बिना किसी जुर्म के हत्या कर दी गई। तो FIR क्यों नही? न्याय कैसे मिलेगा?
वीडियो में दिख रहा है कि डीएम विजय किरण आनंद परिवार को कह रहे हैं कि कोर्ट में इस केस को सालों लग जाएंगे. मैं आपसे एक बड़े भाई की तरह अनुरोध कर रहा हूं. केस दर्ज करवाने के बाद कोर्ट में सालों लग जाते हैं. वीडियो में पुलिस प्रमुख टाडा ने बीच में कहा कि "उनकी (पुलिस) की कोई पिछली दुश्मनी नहीं थी. आपने उन्हें सस्पेंड करने के लिए कहा और मैंने किया. क्लीन चिट मिलने तक उन्हें बहाल नहीं किया जाएगा. इसी बीच एक महिला बीच में कहती हैं कि उनकी नौकरी ले ली जाए. बता दें कि दोनों अधिकारियों को मैसेज और फोन दोनों किया गया, लेकिन जवाब नहीं आया है.दोनों अधिकारियों के सचिवों ने एनडीटीवी को बताया कि वे दोनों बैठकों में व्यस्त हैं. गोरखपुर पुलिस पर आरोप है कि उसने होटल में रुके तीन युवकों से वसूली के लिए उनके कमरों में छापा मारा और उनकी पिटाई की. इसमें एक शक्स की मौत हो गई . इस मामले में 6 पुलिस वालों को सस्पेंड कर उन पर हत्या का मुकदमा कायम किया गया है.