एआईएमआईएम (AIMIM) उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष शौकत अली के खिलाफ एक कार्यक्रम में भड़काऊ भाषण के लिए मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने कहा था कि जो लोग मुसलमानों को धमकी देते हैं वे एक महिला से शादी करते हैं लेकिन रखते कई हैं और उनके साथ नाजायज बच्चे पैदा करते हैं. संभल में एक सभा में विवादास्पद टिप्पणी करने के एक दिन बाद उन पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का मामला दर्ज किया गया है.
एआईएमआईएम नेता के इस बयान का वीडियो वायरल हो गया है. जिसमें वह कहते हैं कि मुसलमान दो बार शादी करते हैं तो वे दोनों महिलाओं का सम्मान करते हैं जबकि "आप" एक शादी करते हैं लेकिन बाहर तीन-तीन रखते हैं.
शौकत अली ने कहा, 'जब भाजपा कमजोर होती है तो मुस्लिमों के पीछे लग जाते हैं. वे कहते हैं कि मुसलमानों के अधिक बच्चे होते हैं, कभी-कभी वे कहते हैं कि हम कई शादियां करते हैं. हां, यह सच है कि हम दो शादी करते हैं लेकिन दोनों पत्नियों को सम्मान देते हैं. लेकिन आप एक से शादी करते हैं और बाहर तीन-तीन रखते हैं, जिनके बारे में किसी को पता नहीं होता. आप उनमें से किसी को भी सम्मान नहीं देते.'
उन्होंने मुगल बादशाह अकबर की राजपूत राजकुमारी जोधा बाई से शादी का जिक्र करते हुए कहा कि "हमने (मुसलमानों) आप लोगों को हमारे साथ ऊपर उठाया" लेकिन अब आप हमें धमकी दे रहे हैं.
शौकत अली ने मुसलमानों को धमकी देने वालों को 'कीड़े' करार दिया है. उन्होंने कहा, "आप हमें धमका रहे हैं? हमने आप जैसे कीड़ों पर 832 साल राज किया है, और आप पीछे हाथ करके 'जी हुजूर' करते थे, और अब आप हमें धमकी दे रहे हैं.'
साथ ही उन्होंने कहा, 'हमसे ज्यादा सेक्युलर कौन है? अकबर ने जोधा बाई से शादी की. हम अपने साथ-साथ आपके लोगों का भी उत्थान किया. लेकिन आपको दिक्कत है. एक साधु कहता है कि मुसलमानों को मार डाला जाना चाहिए. क्यों? क्या हम गाजर, मूली, प्याज की तरह हैं?'
वीडियो वायरल होने के बाद पैदा हुए भारी आक्रोश के बीच अली ने दावा किया कि उन्होंने कभी किसी समुदाय विशेष का जिक्र नहीं किया.
न्यूज एजेंसी ANI ने उनके हवाले से लिखा है, 'अगर हम 2 महिलाओं से शादी भी करते हैं, तो हम उन्हें समान सम्मान देते हैं, कुछ लोग एक शादी करते हैं लेकिन 3 पत्नियां बाहर रखते हैं और उन्हें समाज से छुपाते हैं. मैं केवल ऐसे पुरुषों के बारे में बात कर रहा था, मैंने 'हिंदू' का जिक्र नहीं किया. मेरा इरादा किसी भी समुदाय की भावनाओं को आहत करने का नहीं था.'