कोरोना वैक्सीन लेने में झिझक रहे हैं कैंसर के मरीज, जानें क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट

कोविड के खिलाफ जंग में टीकाकरण की रफ्तार तेज है. शुरुआत से कोशिश रही है कि सबसे पहले शारीरिक रूप से कमज़ोर वर्ग को टीका लगाया जाए, लेकिन कमजोर श्रेणी में आने वाले कैंसर के मरीज कोविड के टीके से झिझक रहे हैं.

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कैंसर के मरीजों के लिए भी बहुत जरूरी है कोरोना वैक्सीन
मुंबई:

देश में टीकाकरण के जोरदार अभियान के बीच कई कैंसर मरीज टीके से झिझक रहे हैं. एक अध्ययन में सामने आया है कि 80% कैंसर मरीजों ने वैक्‍सीन नहीं ली है.  77% में झिझक है, उनका मानना है कि टीका गंभीर दुष्प्रभाव पैदा कर सकता है. कोविड के खिलाफ जंग में टीकाकरण की रफ्तार तेज है. शुरुआत से कोशिश रही है कि सबसे पहले शारीरिक रूप से कमज़ोर वर्ग को टीका लगाया जाए, लेकिन कमजोर श्रेणी में आने वाले कैंसर के मरीज कोविड के टीके से झिझक रहे हैं. एक 55 साल के माउथ कैंसर के 65 साल के मरीज ने बताया कि मुझे एक साल पहले माउथ कैंसर डिटेक्ट हुआ था. मैंने वैक्सीन नहीं ली, क्योंकि मुझे डर है कि इतनी बड़ी बीमारी है, कहीं वैक्सीन लेने से कोई साइड इफेक्ट ना हो जाए.एक कैंसर मरीज की रिश्तेदार ने बताया कि मेरी मां को दांत का कैंसर है. मां ने वैक्सीन नहीं ली है,क्योंकि उन्हें डर है कि कहीं कुछ हो ना जाए.

जून में टाटा मेमोरियल अस्पताल, मुंबई के डॉक्टरों की टीम ने एक सर्वे किया था, जिसके मुताबिक- 

45 और उससे अधिक उम्र के 435 रोगियों के बीच सर्वेक्षण-आधारित अध्ययन किया.

इन रोगियों में से क़रीब 80 फीसदी ने कोविड टीके की पहली खुराक नहीं ली हुई थी.

15.2 फीसदी रोगियों ने पहली खुराक ली हुई थी.

और केवल 4.8 फीसदी मरीज टीके की दोनों खुराक ले चुके थे.

अध्ययन में पाया गया कि 77% (259) में टीके को लेकर झिझक थी.

38 फीसदी रोगियों (124) में दुष्प्रभाव और कैंसर थेरेपी पर टीके के असर का डर था.

वहीं 26.7 फीसदी (87) रोगियों में जानकारी की कमी दिखी।


कैंसर के मरीजों के लिए टीकाकरण जरूरी

  • बता दें कि अध्ययन में एक्स्पर्ट्स साफ किया है कि कैंसर के मरीज, जो कीमोथेरेपी या रेडियोथेरेपी करा रहे हैं, वे कोविड टीका ले सकते हैं.
  • टीका कैंसर के उपचार में बाधा नहीं डालता है ना  कोई गलत असर डालता है.
  • कैंसर के मरीज कमजोर श्रेणी में आते हैं और इसलिए उनके लिए टीकाकरण महत्वपूर्ण है.

जानें क्या कह रहे हैं डॉक्टर्स
मुंबई के लायंस क्लब अस्पताल के डॉ सुहास देसाई ने कहा कि हम देख रहे हैं कि हमारे यहां जो कैंसर मरीज आ रहे हैं किसी ना किसी कारण ओपीडी या इन-पेशंट उनमें से सिर्फ़ 15-20% ने ही वैक्सीन की पहली डोज़ ली है, दूसरी डोज़ वालों की तो संख्या बेहद कम है. इनमें वैक्सीन को लेकर जानकारी की कमी है और डर है की कहीं इनकी थेरेपी पर कोई रीऐक्शन साइड इफ़ेक्ट वैक्सीन का हो सकता है.''

मुंबई के फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टर अनिल हेरूर ने कहा कि कैंसर के मरीजों के लिए वैक्सीन बहुत जरूरी है क्योंकि हमने देखा है कि जिन कैंसर मरीजों को कोविड हुआ है, उनमें डेथ रेट करीब 30 प्रतिशत है. इसलिए वैक्सीन बहुत जरूरी है.

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