पहले राजनयिक और अब मंदिर... कैसे 45 शब्दों में PM मोदी ने ट्रूडो को अच्छे से समझा दिया

हमारे राजनयिकों को डराने के कायरतापूर्ण प्रयास भी उतने ही निंदनीय हैं. ऐसे हिंसक कृत्य भारत के संकल्प को कभी कमजोर नहीं कर सकते. साथ ही उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि कनाडा सरकार न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून के शासन को बनाए रखेगी.

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(फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

भारत और कनाडा के बीच तनातनी बढ़ती ही जा रही है. कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर पर हुए हमले को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने सख्त रुख दिखाया है. प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि मैं कनाडा में हिंदू मंदिर पर जानबूझकर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं. हमारे राजनयिकों को डराने के कायरतापूर्ण प्रयास भी उतने ही निंदनीय हैं. ऐसे हिंसक कृत्य भारत के संकल्प को कभी कमजोर नहीं कर सकते. साथ ही उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि कनाडा सरकार न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून के शासन को बनाए रखेगी.

रविवार को ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में आए लोगों पर खालिस्तानी समर्थकों ने हमला कर दिया था. हमलावरों के हाथों में खालिस्तानी झंडे थे. उन्होंने मंदिर में मौजूद लोगों पर लाठी-डंडे बरसाए. इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने भी श्रद्धालुओं के साथ मारपीट की. कनाडा में खालिस्तान समर्थक लंबे समय से हिंसक घटनाओं में शामिल हैं. कनाडा में जस्टिन ट्रूडो की सरकार उनकी हरकतों पर रोक लगाने में नाकाम साबित हुई है.

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आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि हाल ही में भारत-कनाडा संबंधों में आई गिरावट के बाद मोदी का ये पहला बयान है, क्योंकि उत्तरी अमेरिकी देश ने खालिस्तानी अलगाववादियों को कथित समर्थन दिया है और हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता का आरोप लगाया है. निज्जर एक कनाडाई नागरिक और खालिस्तानी अलगाववादी था, जिसे भारत ने आतंकवादी घोषित किया था.

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उन्होंने कहा कि ये कड़ा बयान इस बात का उदाहरण है कि मोदी दुनिया भर में भारतीयों के लिए खड़े हैं. खालिस्तानी झंडे लेकर आए प्रदर्शनकारियों ने ब्रैम्पटन में एक हिंदू मंदिर में लोगों के साथ झड़प की, जिसकी कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निंदा की और कहा कि हर कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र और सुरक्षित तरीके से पालन करने का अधिकार है.

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