डेटा प्रोटेक्शन बिल (Data Protection Bill) को आज कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. संसद के मॉनसून सत्र (Monsoon Session) में डेटा प्रोटेक्शन बिल पेश किया जाएगा. भारत के सभी व्यक्तिगत डेटा इसके कानूनी क्षेत्र में होंगे. इसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह का डेटा शामिल हैं, जिसे बाद में डिजिटाइज़्ड किया गया हो. अगर विदेश से भारतीयों की प्रोफ़ाइलिंग की जा रही है या वस्तु एवं सेवाएं दी जा रही हों तो यह उस पर भी लागू होगा.
इस बिल के तहत व्यक्तिगत डेटा तभी प्रोसेस हो सकता है, जब व्यक्तिगत तौर पर इसके लिए सहमति दी गई हो. डेटा इकट्ठा करने वालों को उसकी सुरक्षा करनी होगी और उपयोग के बाद उसे डिलीट करना होगा, हालांकि राष्ट्रीय सुरक्षा और क़ानून व्यवस्था के आधार पर सरकारी एजेंसियों को छूट मिल सकती है. कानून के प्रावधानों पर नज़र रखने के लिए डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड बनाने का भी प्रावधान है.