बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने बृहस्पतिवार को समाजवादी पार्टी और इसके मुखिया अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि उस पार्टी की हालत इतनी ज्यादा खराब हो गई है कि खुद उनके मुखिया, मीडिया में बने रहने के लिए पूर्व विधायकों व कार्यकर्ताओं को पार्टी में शामिल करा रहे हैं. बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट किया, 'सपा की हालत इतनी ज्यादा खराब हो गई है कि अब आए दिन मीडिया में बने रहने के लिए दूसरी पार्टी से निष्कासित व अपने क्षेत्र में प्रभावहीन हो चुके पूर्व विधायकों व छोटे-छोटे कार्यकर्ताओं आदि तक को भी सपा मुखिया को खुद पार्टी में शामिल कराना पड़ रहा है.'
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उन्होंने कहा, 'ऐसा लगता है कि सपा मुखिया को अब अपने स्थानीय नेताओं पर भरोसा नहीं रहा है, जबकि बसपा के नेता अन्य पार्टियों के साथ-साथ खासकर सपा के ऐसे लोगों की पूरी छानबीन करके केवल सही लोगों को पार्टी में शामिल कराते हैं.' गौरतलब है कि साहिबाबाद के पूर्व विधायक और बसपा नेता अमर पाल शर्मा ने बुधवार को अपने साथियों के साथ समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली. सपा द्वारा बुधवार को जारी बयान के मुताबिक कई अन्य पार्टियों के नेताओं, कार्यकर्ताओं ने भी पार्टी की सदस्यता ली है.
इससे एक दिन पूर्व मंगलवार को बसपा के पांच निलंबित विधायकों ने भी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की थी. उसके बाद से अटकलें लगने लगी हैं कि ये विधायक जल्द ही सपा में शामिल हो सकते हैं. इन निलंबित विधायकों के सपा प्रमुख से मिलने के बाद से ही बसपा सुप्रीमो मायावती ट्वीट कर सपा प्रमुख पर हमले कर रही हैं. अखिलेश से मिलने वाले निलंबित बसपा विधायकों में सुषमा पटेल (मुंगरा बादशाहपुर) ने कहा था, ‘‘सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ 15-20 मिनट तक चली बैठक में आगामी विधानसभा चुनावों पर चर्चा हुई और मुलाकात अच्छी रही.''' अगले कदम के बारे में पूछे जाने पर पटेल ने कहा, "व्यक्तिगत रूप से, मैंने समाजवादी पार्टी में शामिल होने का मन बना लिया है." वर्तमान में 403 सदस्यीय राज्य विधानसभा में बसपा के 18 विधायक हैं. अक्टूबर 2020 में, बसपा के सात विधायकों को पार्टी अध्यक्ष मायावती ने निलंबित कर दिया था. उन पर राज्यसभा चुनाव में पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार रामजी गौतम के नामांकन का विरोध करने का आरोप लगा था.