क्या करना है, क्या नहीं, मायावती ने भतीजे आकाश आनंद के लिए खींच दी रेड लाइन, जानें क्या कहा है

बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने भतीजे आकाश आनंद के बचाव में आगे आई हैं. इसके साथ ही उन्होंने उनके लिए कई तरह की सीमाएं भी तय कर दी हैं.

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लखनऊ:

बसपा प्रमुख मायावती के भतीजे आकाश आनंद का राजनीदिल्लीतिक करियर काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा है. वो दो बार अपने पद से हटाए जा चुके हैं.पार्टी से निकालने के बाद मायावती ने एक बार फिर उन्हें नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी सौंपी है. इस बार मायावती आकाश आनंद को लेकर काफी एहतियात बरत रही हैं. उन्होंने आकाश आनंद के लिए नई लक्ष्मण रेखा खींच दी है. उन्होंने उन्हें बता दिया है कि उन्हें करना और कहना क्या है. मायावती ने आकाश आनंद को लेकर सोमवार को कई ट्विट किए. इसमें उन्होंने इशारों ही इशारों में आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर पर भी निशाना साधा है. उन्होंने उन्हें बरसाती मेढ़क तक कह दिया है.मायावती चंद्रशेखर की टिप्पणियों से आहत नजर आ रही हैं. 

आकाश आनंद की नई लक्ष्मण रेखा

सूत्रों के मुताबिक मायावती ने आकाश आनंद की सीमा तय करते हुए कहा है कि वो अब केवल इनडोर मीटिंग ही करेंगे और कोई सार्वजनिक भाषण नहीं देंगे.जनसभाओं में वो केवल पार्टी प्रमुख मायावती के जनसभा में ही नजर आएंगे. उल्लेखनीय है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में आकाश आनंद के भाषणों ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं. उनके आग उगलते भाषणों को काफी पसंद किया जा रहा था. इन भाषणों का ही प्रभाव था कि आकाश आनंद की जनसभाओं में भीड़ आने लगी थी. लेकिन लोकसभा चुनाव प्रचार के बीच में ही मायावती ने उन्हें अपरिपक्व बताते हुए नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद से हटा दिया था. लोकसभा चुनाव के बाद उन्हें फिर से पार्टी का नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया गया था. 

मायावती ने आकाश आनंद के लिए खिंची गई लक्ष्मण रेखा में यह भी कहा है कि केवल और केवल पार्टी के संगठन को मजबूत करने की दिशा में काम करेगें. उन्हें मीडिया को इंटरव्यू देने से परहेज करने के लिए भी कहा गया है. उल्लेखनीय है कि बसपा का नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाए जाने के बाद पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान आकाश आनंद ने मीडिया को बड़े-बड़े इंटरव्यू दिए थे. इन इंटरव्यू से आकाश आनंद को नफीस अंग्रेजी और बेहतरीन हिंदी में बात करते हुए सुना-देखा जा सकता है. इन इंटरव्यू ने आकाश आनंद की लोकप्रियता बढ़ाने का काम किया था. लेकिन नई लक्ष्मण रेखा में रहते हुए वो शायद ऐसा दुबारा न कर पाएं. बसपा सूत्रों का कहना है कि मायावती के इन निर्देशों के पीछे तर्क यह है कि बसपा प्रमुख मायावती ही पार्टी की एक मात्र आवाज होंगी. बसपा को यह भी लग रहा था कि आकाश आनंद के भाषणों से कार्यकर्ताओं के पार्टी की लाइन से भटक जाने का खतरा है, इसलिए ही उनके सार्वजनिक भाषणों पर रोक लगाई गई है.  

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बुआ का भतीजे पर भरोसा

बसपा प्रमुख मायावती ने सोमवार को कई ट्विट भी किए. इसमें भी उन्होंने आकाश आनंद का बचाव और सुरक्षा घेरा बनाती हुई नजर आ रही हैं. इसी बहाने से मायावती ने सासंद चंद्रशेखर पर भी निशाना साधा है, जो आकाश आनंद को लेकर काफी हमलावर रहे हैं. चंद्रशेखर ने रविवार को लखनऊ में प्रबुद्ध जन सम्मेलन किया था. इसमें उन्होंने कहा था, ''आकाश को जनता ने नकार दिया. मजबूरीवश उन्हें पार्टी से निकाला और लिया जा रहा. बसपा प्रमुख के पास कोई विकल्प नहीं है. उनका मैं सम्मान करता हूं. कांशीराम और भीमराव आंबेडकर के मिशन को अब हमारी पार्टी पूरा करेगी.'' 

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मायावती ने सोमवार को किए ट्वीट में कहा है,''देश में बीएसपी बहुजन हित की एकमात्र अम्बेडकरवादी पार्टी है तथा पार्टी हित में लोगों पर कार्रवाई करने व पश्चताप करने पर उन्हें वापस लेने की परम्परा है. इसी क्रम में श्री आकाश आनन्द के उतार-चढ़ाव व उन्हें मुख्य नेशनल कोआर्डिनेटर बनाने से बहुत से लोगों में बेचैनी स्वाभाविक.
पार्टी को उम्मीद है कि अब श्री आकाश आनन्द बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर श्री कांशीराम जी के आत्म-सम्मान के कारवाँ को आगे बढ़ाने व उनके सपनों को साकार करने की जिम्मेदारी पूरी तनम्यता व जी-जान से निभाएंगे अर्थात पार्टी को अवसरवादी व स्वार्थी लोगों की कतई जरूरत नहीं.''

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मायावती ने लिखा है,''वैसे भी कांग्रेस, भाजपा व सपा आदि पार्टियों के सहारे व इशारे पर चलकर बहुजनों की एकता व बीएसपी को कमजोर करने वाले बरसाती मेंढकों की तरह के संगठन व दलों के नेता चाहे निजी स्वार्थ में विधायक, सांसद व मंत्री क्यों ना बन जाएं इनसे समाज का कुछ भला होने वाला नहीं.लोग सावधान रहें.''

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