उत्तराखंड में ग्लेशियर फटने (Glacier Burst in Uttarakhand) से आई आपदा को लेकर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने रविवार को भारत के साथ एकजुटता दिखाई. ग्लेशियर फटने से पूरा राज्य विकराल बाढ़ की चपेट में आ गया. आपदा में 10 लोगों की मौत हुई और 170 लोग लापता बताए जा रहे हैं. जॉनसन ने कहा कि उत्तराखंड में आई बाढ़ के बाद ब्रिटेन भारत की हर संभव मदद करने के लिए तैयार है.
बोरिस जॉनसन ने अपने ट्वीट में कहा, "मेरी संवेदनाएं ग्लेशियर फटने के बाद आई विकराल बाढ़ का सामना कर रहे भारत के लोगों और उत्तराखंड के बचावकर्मियों के साथ हैं. संकट की इस घड़ी में ब्रिटेन भारत के साथ मजबूती से खड़ा है और किसी भी तरह की मदद करने के लिए तैयार है."
उत्तराखंड के चमोली जिले के तपोवन-रैणी इलाके में ग्लेशियर के टूटने के बाद रविवार को धौलीगंगा और अलकनंदा नंदी में विकराल बाढ़ आ गई. साथ ही ऋषिगंगा बिजली परियोजना और आसपास के घरों को भारी नुकसान हुआ.
इस घटना के बाद, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, भारत में जापान के राजदूत सतोषी सुजुकी समेत दुनिया भर के कई दिग्गज नेताओं ने ग्लेशियर फटने की घटना से प्रभावित लोगों के प्रति संवेदनाएं प्रकट की हैं.
मैक्रों ने ट्वीट किया, "उत्तराखंड में ग्लेशियर फटने के बाद फ्रांस पूरी तरह से भारत के साथ खड़ा है, जिसमें 100 से अधिक लोग लापता हो गए हैं. हमारी संवेदना उनके और उनके परिवारवालों के साथ है."
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, "करीब 125 लोगों के लापता होने का हमारा अनुमान है. यह संख्या अधिक भी हो सकती है."