भारत के साथ प्रगाढ़ संबंध दर्शाने ब्रिटेन हिंद महासागर में युद्धपोत भेजेगा: रक्षा मंत्री शाप्स

एलआरजी रॉयल नेवी का कार्य समूह है जिसमें कम से कम दो युद्धक जहाज शामिल हैं. सीआरजी रॉयल नेवी का विमान वाहक युद्धपोत है. सीआरजी की पहली तैनाती 2021 में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हुई थी, जहां इसने भारतीय बलों के साथ संयुक्त अभ्यास किया था.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
प्रतीकात्मक तस्वीर

लंदन: ब्रिटेन सरकार ने बुधवार को भारतीय सेना के साथ संचालन और प्रशिक्षण के लिए इस साल के अंत में हिंद महासागर क्षेत्र में रॉयल नेवी के युद्धपोतों को तैनात करने की योजना का खुलासा किया. इसे ब्रिटेन-भारत के बीच प्रगाढ़ होते रणनीतिक संबंधों के संकेत के रूप में देखा जा रहा है. ब्रिटेन के रक्षा मंत्री ग्रांट शाप्स ने कहा कि लिटोरल रिस्पांस ग्रुप (एलआरजी) को इस साल तैनात किया जाएगा और कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (सीआरजी) की 2025 में संयुक्त भारत-ब्रिटेन प्रशिक्षण के लिए तैनाती होगी.

शाप्स ने द्विपक्षीय वार्ता के बाद बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ भारत-ब्रिटेन रक्षा उद्योग सीईओ गोलमेज सम्मेलन की सह-अध्यक्षता की. ब्रिटेन की ‘‘सबसे उन्नत नौसैनिक क्षमताओं'' की तैनाती को ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय (एमओडी) ने भारत के साथ सुरक्षा संबंधों को मजबूत करने में एक ‘‘निर्णायक कदम'' के रूप में उल्लेख किया है.

शाप्स ने कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि दुनिया में प्रतिस्पर्धा बढ़ती जा रही है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि हम भारत जैसे प्रमुख साझेदारों के साथ अपने रणनीतिक संबंधों को आगे बढ़ाना जारी रखें.'' उन्होंने कहा, ‘‘एक साथ मिलकर, हम समान सुरक्षा चुनौतियों को साझा करते हैं और खुले और समृद्ध हिंद-प्रशांत बनाए रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ हैं. यह स्पष्ट है कि यह रिश्ता लगातार मजबूत होता जा रहा है, लेकिन हमें उन खतरों और चुनौतियों के मद्देनजर वैश्विक सुरक्षा को बनाए रखने के लिए साथ मिलकर काम करना जारी रखना चाहिए जो हमें अस्थिर और नुकसान पहुंचाना चाहते हैं.''

Advertisement

एलआरजी रॉयल नेवी का कार्य समूह है जिसमें कम से कम दो युद्धक जहाज शामिल हैं. सीआरजी रॉयल नेवी का विमान वाहक युद्धपोत है. सीआरजी की पहली तैनाती 2021 में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हुई थी, जहां इसने भारतीय बलों के साथ संयुक्त अभ्यास किया था.

Advertisement

सम्मेलन के बाद रक्षा मंत्री सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘लंदन में ब्रिटेन-भारत रक्षा सीईओ गोलमेज बैठक में उद्योग जगत के नेताओं और सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) के साथ शानदार बातचीत हुई.'' उन्होंने कहा, ‘‘भारत सहयोग, सह-निर्माण और सह-नवोन्मेष के लिए ब्रिटेन के साथ एक समृद्ध साझेदारी की कल्पना करता है. दोनों देशों की शक्तियों का समन्वय करके हम मिलकर बड़ा कार्य कर सकते हैं.''

Advertisement

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि नवीनतम तैनाती इस सप्ताह भारतीय रक्षा मंत्री की पहली ब्रिटेन यात्रा के दौरान बढ़ी हुई साझेदारी को दर्शाती है. रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘‘आने वाले वर्षों में ब्रिटेन और भारत अपनी-अपनी सेनाओं के बीच और अधिक जटिल अभ्यास शुरू करेंगे. इसके तहत, 2030 के अंत से पहले एक महत्वपूर्ण संयुक्त अभ्यास करेंगे, जो महत्वपूर्ण व्यापार मार्गों की सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय नियमों को बनाए रखने के साझा लक्ष्यों का समर्थन करेंगे.''

Advertisement

दोनों वरिष्ठ मंत्रियों के बीच बातचीत में संयुक्त अभ्यास से लेकर ज्ञान साझा करने और प्रशिक्षकों के आदान-प्रदान तक रक्षा में भविष्य के सहयोग पर चर्चा हुई, जो 2030 भारत-ब्रिटेन रोडमैप में परिकल्पित व्यापक रणनीतिक साझेदारी पर आधारित है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
किन लोगों को होती है फैटी लिवर की बीमारी? डॉक्टर सरीन से जानिए...
Topics mentioned in this article