कोविड-19 : ब्रेस्टफीडिंग करा रही कामकाजी मांओं के लिए अच्छी खबर! हो सकता है ये बदलाव

Work From Home : केंद्र ने कोविड-19 के दौरान स्तनपान कराने वाली मांओं के लिए घर से काम करने की व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों को एक परामर्श जारी किया है.

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ब्रेस्टफीडिंग के दौरान वर्क फ्रॉम होम को बढ़ाने के लिए सरकार ने जारी किया परामर्श.
नई दिल्ली:

कोविड-19 (Covid-19) के दौर में अपने बच्चे के जन्म के बाद ब्रेस्टफीडिंग करा रही कामकाजी महिलाओं (breastfeeding working women) की सुविधा को देखते हुए जल्द ही उन्हें ज्यादा अवधि तक घर से ही काम (Work From Home) करने की सुविधा मिल सकती है. केंद्र ने कोविड-19 के दौरान स्तनपान कराने वाली मांओं के लिए घर से काम करने की व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों को एक परामर्श जारी किया है. सरकार ने सलाह दी है कि ऐसी मांओं को बच्चे के जन्म की तारीख से कम से कम एक साल तक घर से काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए.

श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कोविड-19 के दौरान श्रमिकों, खासकर अपना दूध पिलाने वाली मांओं की रक्षा के लिए उठाए नए कदमों के तहत सरकार ने सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को एक परामर्श जारी कर स्तनपान कराने वाली मांओं के लिए घर से काम करने की व्यवस्था को प्रोत्साहित करने की सलाह दी है.

बयान में कहा गया कि मातृत्व लाभ (संशोधन) अधिनियम, 2017 की धारा पांच (5) के तहत स्तनपान कराने वाली मांओं को घर से काम करने (वर्क फ्रॉम होम) की अनुमति के प्रावधान के तहत परामर्श जारी किया गया है.

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प्रावधान के तहत, स्तनपान कराने वाली महिलाओं को दिए काम की प्रकृति अगर ऐसी है कि वह घर से काम कर सकती है तो नियोक्ता मातृत्व अवकाश के बाद भी परस्पर सहमत शर्तों के आधार पर उन्हें घर से काम करने की अनुमति दे सकता है.

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वैश्विक महामारी के दौरान स्तनपान कराने वाली महिलाओं और उनके बच्चों के लिए उत्पन्न खतरे को देखते हुए श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने नियोक्ताओं को स्तनपान कराने वाली महिलाओें के लिए घर से काम करने की व्यवस्था करने के लिए प्रोत्साहित करने के वास्ते सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एक परामर्श जारी किया है. उसने कहा कि राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों से यह भी अनुरोध किया गया है कि महिला कर्मचारियों और नियोक्ताओं के बीच अधिनियम की धारा पांच (5) के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए कदम उठाए जाएं.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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