विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' के घटकों के साथ जनता दल (यूनाइटेड) की कथित नाखुशी के बीच बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक प्रमुख सहयोगी दल ‘राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी' के नेता एवं केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने शनिवार को दावा किया कि राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन का टूटना ‘शत-प्रतिशत' तय है.
पारस ने कहा कि अयोध्या के राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के लिए ‘अच्छी खबर' आएगी. राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के नेता पारस ने दावा किया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद के बीच मतभेद गहरे हो गए हैं.
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘उनका गठबंधन टूटना सौ-फीसदी तय है. ‘खरमास' (हिंदू मान्यता में अशुभ माना जाने वाला समय) समाप्त हो गया है. बाईस जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजित होगा. एक शुभ अवधि शुरू हो गई है और जो भी होगा, वह भाजपा नेतृत्व वाले राजग के लिए अच्छा होगा.''
उन्होंने कहा कि बिहार समेत पूरा देश राम मंदिर को लेकर उत्साह में डूबा हुआ है और विपक्ष के लिए चुनाव में कोई संभावनाएं नहीं है. यह पूछे जाने पर कि क्या इस मुद्दे का असर बिहार पर पड़ेगा, जहां राजद-जद(यू)-कांग्रेस-वाम गठबंधन को मजबूत माना जाता है तो पारस ने कहा कि इन्हें लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ेगा.
उन्होंने दावा किया कि ‘इंडिया' गठबंधन जल्द ही टूट जाएगा. जद (यू) अपने नेता नीतीश कुमार को ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (इंडिया) गठबंधन में महत्वपूर्ण पद दिए जाने का दबाव बना रही है.
हालांकि, पार्टी कुमार को गठबंधन का संयोजक बनाए जाने के प्रस्ताव के प्रति उदासीन दिखी क्योंकि यह प्रस्ताव कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को गठबंधन के अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति के साथ आया था.
जद (यू) के नेताओं का मानना है कि गठबंधन में शामिल दलों में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले कुमार की वरिष्ठता और विपक्षी दलों को एक साथ लाने के उनके प्रयासों को उचित ‘‘सम्मान'' नहीं दिया गया है.
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनके बेटे एवं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को नीतीश कुमार से मुलाकात की और बाद में अपने गठबंधन में दरार की बातों को खारिज कर दिया.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने एक हालिया साक्षात्कार में संकेत दिया है कि जदयू प्रमुख के लिए राजग के दरवाजे बंद नहीं हैं. शाह ने पहले कहा था कि कुमार के लिए भाजपा के दरवाजे बंद हो गए हैं.
पारस ने उन दावों के बीच अपने भतीजे और लोकसभा सदस्य चिराग पासवान पर भी कटाक्ष किया, जिसमें कहा गया है कि पासवान अपनी मां को हाजीपुर सीट से मैदान में उतार सकते हैं. ये सीट उनके दिवंगत पिता रामविलास पासवान का क्षेत्र है.
पारस लोकसभा में हाजीपुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और फिर से इस सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं. वहीं, 2014 से जमुई से जीत रहे चिराग पासवान फिर से हाजीपुर सीट पर दावा ठोक रहे हैं, जो उनके (चिराग) अनुसार उनके पिता की राजनीतिक विरासत है.
पारस ने कहा, ‘‘चिराग पासवान क्या कहते हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. मेरे लिए यह मायने रखता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा मुझसे क्या कहते हैं.''
उन्होंने कहा कि मौजूदा सांसद होने के नाते हाजीपुर से चुनाव लड़ना उनका अधिकार है. यह दावा करते हुए कि रामविलास पासवान ही थे जिन्होंने उन्हें लोकसभा में हाजीपुर का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना था, पारस ने कहा कि यह ‘‘शर्मनाक'' है कि उनके भतीजे चिराग अपनी मां को बिहार की राजनीतिक में लाने के लिए आतुर हैं क्योंकि वह हमेशा राजनीति में शामिल होने के विरोध में थीं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनके गुट को लोकसभा में मूल ‘लोक जनशक्ति पार्टी' के रूप में मान्यता दी गई है और चिराग पासवान तकनीकी रूप से उसी पार्टी के सदस्य हैं.
पारस ने कहा कि यह उनकी ‘‘दयालुता'' थी कि उन्होंने पार्टी नेता के रूप में ‘‘पार्टी विरोधी गतिविधियों'' के लिए उनकी (चिराग) सदस्यता नहीं छीनी.
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