संसद की सुरक्षा में सेंध : मैसेजिंग प्लेटफार्म के जरिए छह लोगों ने रची साजिश, गुरुग्राम के फ्लैट में ठहरे थे

छह आरोपियों में से दो - मनोरंजन डी और सागर शर्मा दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए थे और धुएं के केन खोल दिए थे, जिससे सांसदों में दहशत फैल गई थी.

Advertisement
Read Time: 28 mins
नई दिल्ली:

संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले छह लोग देश के अलग-अलग शहरों से हैं और इन्होंने मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के जरिए बातचीत कर इस घटना को अंजाम देने की साजिश रची, जिसके लिए ये लोग हरियाणा के गुरुग्राम में एक फ्लैट में एकत्रित हुए थे. इन छह लोगों में से दो - मनोरंजन डी और सागर शर्मा दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए थे और धुएं के केन खोल दिए थे, जिससे सांसदों में दहशत फैल गई थी. वहीं उनके साथियों- नीलम और अमोल शिंदे ने केन से रंगीन धुआं छोड़ा और संसद भवन के बाहर नारेबाजी की.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि ललित और विशाल शर्मा पर उनके सहयोगी होने का संदेह है. विशाल को हरियाणा के गुरुग्राम से हिरासत में लिया गया है जबकि ललित फरार है. ये सभी गुरुग्राम के सेक्टर- 7 में विशाल शर्मा और उसकी पत्नी राखी के किराए के घर पर ठहरे हुए थे.

कर्नाटक के मैसूरु के रहने वाले मनोरंजन डी ने 2016 में बीई (बैचलर इन इंजीनियरिंग) पूरा किया और परिवार के साथ खेतीबाड़ी के काम में जुटा हुआ था. मनोरंजन के परिवार ने कहा कि उसने दिल्ली और बेंगलुरु में कुछ फर्मों में भी काम किया.

Advertisement

मनोरंजन डी के पिता देवराज गौड़ा ने दावा किया कि उनका बेटा ईमानदार और सच्चा है तथा हमेशा समाज के लिए अच्छा करना चाहता है. गौड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर मेरा बेटा अच्छा करता है तो ठीक है लेकिन अगर उसने कुछ गलत किया है तो उसे फांसी दे दो. (अगर उसने गलत किया है) वह मेरा बेटा नहीं है. वह संसद हमारी है. आप जैसे लोगों ने ही इसे बनाया है. इसे बनाने में महात्मा गांधी, नेहरू जैसे नेताओं ने कड़ी मेहनत की थी. जो कोई भी यह (हमला) करता है वह निंदनीय है. हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे.''

Advertisement

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा बेटा एक अच्छा लड़का है. वह ईमानदार और सच्चा है. उसकी एकमात्र इच्छा समाज के लिए अच्छा करना और समाज के लिए बलिदान देना है. वह स्वामी विवेकानंद की किताबें पढ़ता था. मुझे लगता है कि इन किताबों को पढ़ने के बाद उसके मन में ऐसे विचार विकसित हुए.''

Advertisement

गौड़ा ने कहा, ‘‘यह समझना मुश्किल है कि उसके दिमाग में क्या चल रहा था. मेरे बेटे ने 2016 में बीई (बैचलर इन इंजीनियरिंग) पूरा किया और खेती का काम देख रहा था. उसने दिल्ली और बेंगलुरु में कुछ कंपनियों में भी काम किया है.''

Advertisement

लोकसभा में बुधवार को दर्शक दीर्घा से छलांग लगाने वालों में से एक सागर शर्मा लखनऊ का रहने वाला है और उसके परिजनों का कहना है कि वह कुछ दिन पहले 'दिल्ली में विरोध प्रदर्शन' में भाग लेने के लिए घर से निकला था, हालांकि, संसद में हुई घटना में उसकी संलिप्तता के इरादे के बारे में कुछ भी नहीं जानते थे.

राजधानी के मानक नगर थाना क्षेत्र के रामनगर इलाके के रहने वाले सागर की मां रानी शर्मा इस घटना से हैरान नजर आ रही है. रानी ने कहा, ‘‘वह (सागर) दो दिन पहले घर से निकला था. उसने कहा था कि वह कुछ काम के लिए दोस्तों के साथ दिल्ली जा रहा है. मैंने उससे पिछले दिन आखिरी बार फोन पर बात की थी.'

मानक नगर के थानाध्यक्ष शिव मंगल सिंह ने कहा, 'हमने सागर के पिता को उनके बेटे के बारे में पूछने के लिए बुलाया है.' पुलिस के मुताबिक, सागर का परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले का रहने वाला है. पुलिस ने परिजनों के हवाले से बताया कि सागर हाल ही में बेंगलुरु से लखनऊ लौटा था.

सागर की नाबालिग बहन ने कहा, 'मैंने अपने भाई को अपनी मां से यह कहते हुए सुना कि वह एक विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए दिल्ली जा रहा है. मेरा भाई ई-रिक्शा चलाता था. वह पहले बेंगलुरु में काम करता था.'

पुलिस के मुताबिक, सागर शर्मा अपनी बहन और माता-पिता के साथ रामनगर इलाके में किराए के मकान में रहता है और उसके पिता रोशन लाल बढ़ई का काम करते हैं.

पुलिस ने संसद के बाहर प्रदर्शन के दौरान जिन दो लोगों को गिरफ्तार किया है उनकी पहचान हरियाणा के जींद जिले के घासो खुर्द गांव निवासी नीलम (42) और महाराष्ट्र के लातूर इलाके के अमोल शिंदे (25) के रूप में हुई है.

संसद भवन के बाहर 'केन' खोलकर धुआं फैलाने वाले दोनों लोगों ने ‘तानाशाही नहीं चलेगी', ‘भारत माता की जय' और ‘जय भीम, जय भारत' जैसे नारे लगाए.

दिल्ली में हुई घटना के बाद लातूर पुलिस की टीम शिंदे के घर पहुंची. चाकुर के एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि शिंदे अनुसूचित जाति समुदाय से है और स्नातक है. पुलिस के मुताबिक, प्रारंभिक जानकारी के अनुसार शिंदे ने पुलिस और सेना की भर्ती परीक्षाओं की तैयारी के दौरान दिहाड़ी मजदूर के रूप में भी काम किया था. अधिकारी ने कहा कि शिंदे के दो भाई और माता-पिता भी दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करते हैं.

नीलम की मां सरस्वती देवी ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि वह (नीलम) सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारियों के सिलसिले में प्रदेश के हिसार में एक 'पेइंगगेस्ट' के तौर पर रह रही थी. उन्होंने कहा कि वह 25 नवंबर को घर से हिसार के लिए निकली थी और उन्हें उसके दिल्ली जाने और प्रदर्शन में शामिल होने का पता मीडिया में आई खबरों से चला.

नीलम के गांव के कुछ लोगों ने बताया कि वह दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवानों के आंदोलन स्थल पर भी गई थी.

सरस्वती ने कहा, ''मेरी बेटी के साथ आज सुबह बात हुई थी और उसने मुझसे ध्यान से दवा लेने को कहा था. हमें इसकी जानकारी नहीं थी कि वह दिल्ली गई है.'' नीलम की मां ने कहा, '' मुझे नहीं पता कि किस तरह से उसने यह कदम उठाया. हो सकता है कि उसने नौकरी (पाने) के लिए ऐसा किया हो.''

उसके परिजनों का दावा है कि वह परास्नातक, एमफिल और राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) उत्तीर्ण है और सरकारी नौकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी.

पुलिस सूत्रों ने कहा कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले छह लोगों द्वारा इस घटना को एक सुनियोजित और अच्छी तरह से समन्वित तरीके से अंजाम दिया गया. ये सभी इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक-दूसरे के संपर्क में थे. उन्होंने बताया कि आरोपियों ने कुछ दिन पहले योजना तैयार की और बुधवार को संसद आने से पहले उन्होंने रेकी की.

सूत्र ने कहा, 'संसद में आने से पहले उनमें से पांच लोग गुरुग्राम में विशाल के आवास पर ठहरे थे. योजना के अनुसार, सभी छह संसद के अंदर जाना चाहते थे, लेकिन केवल दो को ही पास मिला.'

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Haryana Assembly Election 2024: चुनाव से पहले मुख्यमंत्री की कु्र्सी को लेकर BJP में रस्साकशी
Topics mentioned in this article