Boycott Turkiye-Azerbaijan: पाकिस्‍तान का साथ देकर बुरे फंसे ये दोनों देश, CAIT ने 'सबक' सिखाने के लिए किए यह अहम फैसले

Boycott Turkiye-Azerbaijan: CAIT के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने कहा कि व्यापारिक समुदाय ने तुर्किये और अजरबैजान के प्रति नाराजगी और असंतोष व्यक्त किया है और उनकी नीतियों को “अकृतज्ञ और भारत विरोधी” बताया.

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प्रतीकात्‍मक फोटो
नई दिल्‍ली :

Boycott Turkiye-Azerbaijan: ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के दौरान भारत ने पाकिस्‍तान को जबरदस्‍त सबक सिखाया है. हालांकि इस दौरान तुर्किये और अजरबैजान जैसे देशों की भी पहचान हो गई है. इन दोनों देशों ने पाकिस्‍तान की मदद की, जिसे लेकर भारत में लोग काफी नाराज हैं. अब भारतीय व्‍यापारी समुदाय भी देशवासियों की भावना के साथ खड़ा है. कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation of All India Traders) ने राष्ट्रीय व्यापार सम्मेलन में देश भर से आए 125 से अधिक शीर्ष व्यापारिक नेताओं ने सर्वसम्मति से संकल्प लिया कि तुर्किये और अजरबैजान के साथ हर प्रकार के व्यापार और व्यावसायिक संबंधों का बहिष्कार किया जाएगा. 

यह प्रस्ताव तुर्किये और अजरबैजान द्वारा हाल ही में पाकिस्तान के पक्ष में खुले समर्थन को लेकर पारित किया है. व्यापारिक समुदाय का मानना है कि यह भारत के साथ विश्वासघात है.

तुर्किये और अजरबैजान के खिलाफ सम्‍मेलन में चार निर्णय

इस सम्मेलन में देश के 24 राज्यों से आए प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए उन सभी ताकतों का सख्ती से विरोध करने का संकल्प लिया जो भारत के खिलाफ खड़ी हैं. इस दौरान यह चार मुख्‍य निर्णय लिए गए. 

  1. तुर्किये और अजरबैजान के उत्पादों का देशव्यापी बहिष्कार: भारत के व्यापारी अब तुर्किये और अजरबैजान से आयात-निर्यात बंद करेंगे. 
  2. व्यापारिक संबंधों पर पूर्ण विराम: भारतीय निर्यातकों, आयातकों और व्यापारिक प्रतिनिधिमंडलों को इन देशों की कंपनियों या संस्थानों के साथ किसी भी प्रकार की व्यावसायिक साझेदारी से रोका जाएगा. 
  3. यात्रा और पर्यटन योजनाओं का बहिष्कार: यात्रा एजेंसियों और इवेंट प्लानर्स से अनुरोध किया जाएगा कि वे तुर्किये और अजरबैजान को पर्यटन या व्यावसायिक गंतव्य के रूप में प्रचारित न करें. 
  4. भारत सरकार से अपील: व्यापार और उद्योग मंत्रालय तथा विदेश मंत्रालय को एक ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसमें इन देशों के साथ सभी व्यावसायिक संबंधों की नीति स्तर पर समीक्षा की मांग की जाएगी. 

भारत की संप्रभुता और राष्‍ट्रीय हितों पर आघात: खंडेलवाल

CAIT के महासचिव और सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, “यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि तुर्किये और अजरबैजान ने भारत की सद्भावना, सहायता और रणनीतिक समर्थन का लाभ उठाया और आज पाकिस्तान का साथ दे रहे हैं, जो विश्व स्तर पर आतंकवाद के समर्थन के लिए जाना जाता है. उनका यह रुख भारत की संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों पर आघात है और साथ ही 140 करोड़ भारतीयों की भावनाओं का भी अपमान है.”

खंडेलवाल ने कहा, “भारतीय व्यापारिक समुदाय हमेशा राष्ट्र के साथ खड़ा रहा है, जब कोई देश भारत की एकता और अखंडता को चुनौती देता है तो हम उसका उत्तर शांति के सबसे प्रभावशाली अस्त्र आर्थिक बहिष्कार के माध्यम से देंगे.”

भरतिया ने दोनों देशों को अकृतज्ञ और भारत विरोधी बताया

CAIT के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने कहा कि व्यापारिक समुदाय ने दोनों देशों के प्रति नाराजगी और असंतोष व्यक्त किया है और उनकी नीतियों को “अकृतज्ञ और भारत विरोधी” बताया. सम्मेलन में निर्णय लिया गया कि ऐसे देशों को भारत से किसी भी प्रकार का आर्थिक सहयोग या व्यापारिक लाभ नहीं मिलना चाहिए.

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सम्मेलन में यह भी कहा गया कि तुर्किये द्वारा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बार-बार भारत विरोधी बयान देना और पाकिस्तान की बात का समर्थन करना अस्वीकार्य है, जबकि अजरबैजान का तुर्किये के साथ खड़ा होना और पाकिस्तान के पक्ष में सार्वजनिक बयान देना भारत की दोस्ती और सहयोग के प्रति अनादर दर्शाता है. 

तुर्किये और अजरबैजान को लेकर फिल्‍म उद्योग से भी की अपील 

व्यापारिक समुदाय ने भारतीय फिल्म उद्योग से भी अपील की है कि वे तुर्किये और अजरबैजान में किसी भी प्रकार की फिल्म की शूटिंग न करें और यदि कोई फिल्म वहां शूट होती है तो व्यापार जगत और आम जनता ऐसी फिल्मों का बहिष्कार करेगी.  

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CAIT देशभर में एक जनजागरूकता अभियान भी चलाएगा, जिससे व्यापारियों, उपभोक्ताओं और यात्रा पेशेवरों को इस बहिष्कार से जोड़कर राष्ट्र की संप्रभुता, सुरक्षा और गौरव की रक्षा की जा सके. 

व्यापारियों ने भारत सरकार द्वारा तुर्किये की कंपनी “Celebi Ground Handling India Private Limited” की सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के निर्णय का स्वागत किया. यह कंपनी भारत के नौ प्रमुख एयरपोर्ट पर सेवाएं प्रदान कर रही थीं.  

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