ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) का भारत दौरा - वह अगले महीने दिल्ली में होने वाली गणतंत्र दिवस परेड (Republic Day parade) के मुख्य अतिथि होंगे - शायद ना हो पाए. कोरोना वायरस (Coronavirus) के नए म्यूटेटेड वर्जन के ब्रिटेन में तेजी से फैलने की वजह से उत्पन्न सुरक्षा चिंताओं की वजह से ऐसा संभव है. यह बात ब्रिटिश मेडिकल एसोसिएशन के प्रमुख डॉक्टर चांद नागपाल ने NDTV से कही. उन्होंने कहा, 'हालांकि ब्रिटेन सरकार द्वारा पीएम जॉनसन की यात्रा पर अभी से फैसला करना जल्दबाजी होगी, लेकिन यह यात्रा शायद संभव ना हो पाए, विशेष रूप से तब अगर इस स्तर का संक्रमण और उसका प्रसार जारी रहते हैं.'
डॉक्टर नागपाल ने NDTV से कहा, 'जाहिर है कि हम अभी से उस बात के लिए फैसला नहीं कर सकते जो कि 5 हफ्ते बाद होनी है, वायरस के हालात में परिवर्तन दिन-प्रतिदिन के आधार पर होता है. लेकिन एक विचार यह है कि अगर इस स्तर का संक्रमण और उसका प्रसार जारी रहता है तो उनकी भारत यात्रा शायद संभव न हो सके.'
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साथ ही उन्होंने कहा, 'अगर लंदन व अन्य हिस्सों में लागू किए गए लॉकडाउन (ब्रिटेन की राजधानी और अन्य इलाको में चौथे दर्जे का सख्त लॉकडाउन लागू है) की वजह से वायरस का प्रसार काबू में आ जाता है तो शायद यात्रा हो भी.'
कोरोना का ये नया स्ट्रेन - जिसके वायरल जेनेटिक लोड में कम से कम 17 बदलाव हुए हैं - को पहली बार दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड में सितंबर में पहली बार मिला था. यह स्ट्रेन - B.1.1.7 - क्लीनिकल सीवीएरिटी या मृत्यु दर में कोई बदलाव नहीं करता है, लेकिन 70 प्रतिशत अधिक संक्रमणीय है, जिसे डॉक्टर नागपाल ने एक बड़ी चुनौती बताया.
इस नए स्ट्रेन के मामले इटली, डेनमार्क, नीदरलैंड और ऑस्ट्रेलिया में भी सामने आ चुके हैं और भारत समेत कुछ अन्य देशों तक भी पहुंच गए हैं, जहां ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी गई है और इसके तेजी से फैलने से अस्पताल में बिस्तरों की उपलब्धता भी बुरी तरह प्रभावित हुई है.
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डॉक्टर नागपाल ने कहा, 'अस्पतालों में 90 फीसदी से ज्यादा जगह (इनमें गैर कोरोना मरीज भी शामिल हैं) भर चुकी है, और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए ब्रिटेन (व उन देशों में जहां शायद यह फैल चुका है) लॉकडाउन को बढ़ाने की भी आवश्यकता हो सकती है.
उन्होंने बताया, 'हमारे यहां गंभीर समस्या है क्योंकि इंग्लैंड के अस्पतालों में वायरस की पहली लहर की तुलना में कोरोना के ज्यादा मरीज आ रहे हैं. कई अस्पताल अपनी क्षमता के अनुसार भर चुके हैं - पिछले हफ्ते 44 एंबुलेंसों को दूर के अस्पतालों या देखभाल केंद्रों में भेजना पड़ा क्योंकि स्थानीय अस्पतालों में जगह नहीं थी.'
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ब्रिटेन में लोगों को फाइजर की कोरोना वैक्सीन देना शुरू किया गया है लेकिन इस म्यूटेंट स्ट्रेन को लेकर डर यह है कि कहीं इस पर टीका बेअसर ना हो जाए. डॉक्टर नागपाल कहते हैं कि शुरुआती वैज्ञानिक सलाह के अनुसार इसे प्रभावी होना चाहिए, और अभी प्राथमिकता टीकाकरण को बढ़ाने की है.
साथ ही उन्होंने जोर देकर यह भी कहा कि कोरोना वायरस की रोकथाम के उपाय वही होंगे - इनमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना, मास्क का इस्तेमाल और नियमित अंतराल पर हाथ धोना शामिल हैं.
मंगलवार को भारत सरकार ने कहा कि वायरस का म्यूटेड स्ट्रेन भारत में अभी तक नहीं पाया गया है.