BlueSmart कैब की सर्विस हो रही बंद, प्रमोटर्स पर लगे ये आरोप

सेबी के अंतरिम आदेश के मुताबिक, जग्गी ब्रदर्स ने जेनसोल को अपने निजी फायदे के लिए इस्तेमाल किया. साल 2021 से 2024 के बीच कंपनी ने इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (IREDA) और पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (PFC) से 978 करोड़ रुपये का लोन लिया था.

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BlueSmart कैब की सर्विस हो रही बंद, प्रमोटर्स पर लगे ये आरोप
कैब इस्तेमाल करने वाले लोग परेशान
नई दिल्ली:

जेनसोल इंजीनियरिंग के प्रमोटर्स अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी ने अपने निदेशक पदों से इस्तीफा दे दिया है. उनका यह कदम सेबी (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) के एक आदेश के बाद आया, जिसमें कंपनी पर लोन धोखाधड़ी और फंड डायवर्जन का आरोप लगा. साथ ही, अनमोल द्वारा सह-स्थापित इलेक्ट्रिक कैब-हेलिंग कंपनी ब्लूस्मार्ट ने भी अपनी सेवाएं अचानक से बंद करना शुरू कर दिया, जिससे दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु और मुंबई में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

सेबी का आरोप: जेनसोल को बनाया 'पिग्गी बैंक'

सेबी के अंतरिम आदेश के मुताबिक, जग्गी ब्रदर्स ने जेनसोल को अपने निजी फायदे के लिए इस्तेमाल किया. साल 2021 से 2024 के बीच कंपनी ने इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (IREDA) और पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (PFC) से 978 करोड़ रुपये का लोन लिया था. इसमें से 664 करोड़ रुपये ब्लूस्मार्ट के लिए 6,400 इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए थे, लेकिन केवल 4,704 वाहन ही खरीदे गए. सेबी का अनुमान है कि 262.13 करोड़ रुपये का हिसाब-किताब नहीं रखा गया है और यह पैसा संदिग्ध लेनदेन के जरिए रिश्तेदारों और निजी खर्चों में डायवर्ट किया गया.

इसमें गुरुग्राम के डीएलएफ कैमेलियास प्रोजेक्ट में 42.94 करोड़ रुपये का अपार्टमेंट, 26 लाख रुपये का लग्जरी गोल्फ सेट, निजी यात्रा, क्रेडिट कार्ड भुगतान और रिश्तेदारों को ट्रांसफर शामिल हैं. अनमोल की मां जस्मिंदर कौर को 6.20 करोड़ और पत्नी मुग्धा कौर जग्गी को 2.98 करोड़ रुपये दिए गए, जबकि पुनीत ने अपनी पत्नी शलमली कौर जग्गी को 1.13 करोड़ और मां को 87.52 लाख रुपये ट्रांसफर किए. सेबी ने कहा कि प्रमोटर्स ने कंपनी को "पिग्गी बैंक" की तरह इस्तेमाल किया वो भी बिना शेयरधारकों के हितों की परवाह किए.

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ब्लूस्मार्ट की सेवाएं बंद, यूजर्स परेशान

ब्लूस्मार्ट, जिसे 2018 में जग्गी ब्रदर्स और पुनीत गोयल ने शुरू किया था. उसने अचानक अपनी सेवाएं अचानक बंद कर दीं. कंपनी ने ग्राहकों को एक ईमेल में कहा, "हमने ब्लूस्मार्ट ऐप पर बुकिंग्स अस्थायी रूप से बंद करने का फैसला किया है." अगर 90 दिनों के भीतर सेवाएं शुरू नहीं हुईं, तो रिफंड की प्रक्रिया शुरू होगी. ब्लूस्मार्ट भारत की पहली और सबसे बड़ी जीरो-एमिशन राइड-हेलिंग सर्विस है, जिसके 30 लाख से अधिक डाउनलोड्स और 1.45 करोड़ से ज्यादा राइड्स हैं. कंपनी के पास 8,500 से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों की फ्लीट और 5,800 चार्जिंग स्टेशनों का नेटवर्क है.

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कर्मचारियों को भी झटका

रिपोर्ट्स के अनुसार, ब्लूस्मार्ट ने मार्च में कर्मचारियों की सैलरी में भी देरी की है. अनमोल सिंह जग्गी ने कर्मचारियों को एक ईमेल में कहा कि कैश फ्लो की कमी के कारण सैलरी में देरी हुई है, लेकिन अप्रैल के अंत तक सभी बकाया राशि का भुगतान कर दिया जाएगा.

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सेबी की कार्रवाई और भविष्य

सेबी ने जग्गी ब्रदर्स को सिक्योरिटीज मार्केट से प्रतिबंधित कर दिया है और जेंग्सोल के प्रस्तावित स्टॉक स्प्लिट को रोक दिया है. कंपनी के वित्तीय रिकॉर्ड की जांच के लिए एक फोरेंसिक ऑडिटर नियुक्त करने का निर्देश भी दिया गया है. मार्च 2025 में, क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ICRA और CARE ने जेनसोल की क्रेडिट रेटिंग को कर्ज भुगतान में देरी के कारण जंक में डाउनग्रेड कर दिया.

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ब्लूस्मार्ट और जेंग्सोल का इतिहास

जग्गी ब्रदर्स ने 2007 में जेनसोल इंजीनियरिंग की स्थापना की थी. साल 2018 में अनमोल ने पुनीत गोयल के साथ मिलकर ब्लूस्मार्ट शुरू किया, जिसे पहले जेनसोल मोबिलिटी प्राइवेट के नाम से जाना जाता था. फिर साल 2019 में इसका नाम बदलकर ब्लूस्मार्ट कर दिया गया. पिछले साल जून में कंपनी ने यूएई में प्रीमियम ऑल-इलेक्ट्रिक लिमो सर्विस शुरू की थी.

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