ब्लैक फंगस की दवा और इंजेक्शन की भारी कमी, सरकार ने प्रोडक्शन के लिए 5 फर्मों को दिया आपात लाइसेंस

देश में कोरोना की दूसरी लहर के साथ जानलेवा बीमारी ब्लैक फंगस का खतरा भी तेजी से बढ़ने लगा है. कई राज्य इस बीमारी को नोटिफाइड बीमारी घोषित कर चुके हैं. चिंता की बात यह है कि ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवा और इंजेक्शन की भारी कमी है.

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ब्लैक फंगस के इंजेक्शन की भारी कमी। (फाइल फोटो)
मुंबई:

देश में कोरोना की दूसरी लहर के साथ ही जानलेवा बीमारी ब्लैक फंगस का खतरा भी तेजी से बढ़ने लगा है. कई राज्य इस बीमारी को नोटिफाइड बीमारी घोषित कर चुके हैं. चिंता की बात यह है कि ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवा और इंजेक्शन की भारी कमी है. बाजार में इन दवाओं की आपूर्ति बहुत कम हो रही है. जिसके चलते आज सरकार ने पांच नए फर्मों को इन दवाओं के प्रोडक्शन के लिए आपात लाइसेंस जारी किया है. साथ ही जो फर्म ये दवाएं बना रहे हैं उन्हें प्रोडक्शन बढ़ाने की अनुमति भी दी गई है. 

मुंबई में भी ब्लैक फंगस के मामले बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन यहां भी दवा की भारी कमी है. दीपक माली अपने भाई का 4 मई से मुंबई के निजी अस्पताल में  इलाज करा रहे हैं. उनके भाई ब्लैक फंगस से संक्रमित हैं. वह एक हफ्ते से एंटी-फंगल इंजेक्शन लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी खरीदने के लिए जगह दौड़-दौड़ रहे हैं, लेकिन उन्हें इंजेक्शन कहीं नहीं मिला.

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दीपक माली ने बताया कि अस्पताल ने इंजेक्शन की व्यवस्था बाहर से करने के लिए कहा है. यह कहीं भी नहीं मिल रहा है. सभी कह रहे हैं कि यह यहां ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में उपलब्ध नहीं है.

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ऐसी ही परिस्थियों का सामना मयूरेश को भी करना पड़ रहा है. उनके पिता को कोविड से ठीक होने के तीन सप्ताह बाद ब्लैक फंगस की बीमारी हो गई. जलगांव के रहने वाले परिवार ने इलाज के लिए सोना और खेत तक गिरवी रख दिया. मयुरेश पिछले तीन सप्ताह से मुंबई के एक अस्पताल में पिता का इलाज करा रहे हैं. उन्हें भी इंजेक्शन कहीं नहीं मिल रहा है.

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बता दें कि देश भर में ब्लैक फंगस के 5500 से अधिक मामले हैं. इस बीमारी के चलते कम से कम 126 मौतें हो चुकी हैं. इसके बावजूद भी उपचार के लिए दवाओं की भारी कमी है. विभिन्न राज्यों के लिए केंद्र की तरफ से दवाओं का आवंटन आवश्यकता से बहुत कम है. उदाहरण के तौर पर महाराष्ट्र को आवंटित 16500 खुराक इसके 1500 रोगियों के लिए दो दिनों के लिए भी पर्याप्त नहीं होगी. जबकि उपचार प्रोटोकॉल 28 दिनों के लिए प्रतिदिन 5-8 इंजेक्शन है.

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महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि हमने कंपनियों को 2 लाख इंजेक्शन की खरीद का आदेश दिया था, लेकिन जब तक केंद्र द्वारा इसे आवंटित नहीं किया जाता है, वे हमें नहीं दे सकते. हम केंद्र से अपील करते हैं कि वह हमें जल्द से जल्द ब्लैक फंगस की दवा उपलब्ध कराएं.

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