बीजेपी सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने गुरुवार को अपनी ही पार्टी की सबसे उत्साही समर्थकों में से एक एक्ट्रेस कंगना रनौत (Kangana Ranaut) को उस टिप्पणी के लिए लताड़ा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत को 2014 में असली आजादी मिली, जब पीएम मोदी सत्ता में आए. 1947 में मिली आजादी या दशकों के स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष को उन्होंने 'भीख' कहा. दरअसल, कंगना रनौत ने ये बयान टाइम्स नाउ चैनल से जुड़े एक कार्यक्रम में दिया. उन्होंने हिन्दी में कहा कि "वह आजादी नहीं भीख थी, असली आजादी तो 2014 में मिली." बता दें कि कंगना को इसी महीने मोदी सरकार द्वारा पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. 34 वर्षीय एक्ट्रेस को अपने भड़काऊ बयानों के चलते ट्विटर पर ब्लॉक कर दिया गया है. इससे पहले भी वह अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियां बटोर चुकी हैं.
वरुण गांधी ने कंगना रनौत के बयान की वीडियो की क्लीप के साथ लिखा कि कभी महात्मा गांधी जी के त्याग और तपस्या का अपमान, कभी उनके हत्यारे का सम्मान, और अब शहीद मंगल पाण्डेय से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों का तिरस्कार. इस सोच को मैं पागलपन कहूं या फिर देशद्रोह?
बता दें कि पिछले महीने यूपी के लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों के परिवारों के लिए न्याय की गुहार लगाने और केंद्र के नए कृषि कानूनों का विरोध करने और किसानों के समर्थन में बोलने वाले वरुण गांधी को बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नहीं बुलाया गया था.
वैसे, कंगना के इस बयान पर सोशल मीडिया पर जमकर कमेंट आ रहे हैं. कई लोगों ने लिखा है कि हजारों सेनानियों की कुर्बानी को कंगना भीख कैसे कह सकती हैं. वहीं कुछ ने कंगना को रानी लक्ष्मीबाई कहकर समर्थन भी किया है. अकाली दल के वरिष्ठ नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी ट्वीट में कहा है कि मणिकर्णिका का रोल निभाने वाली आर्टिस्ट आजादी को भीख कैसे कह सकती है. लाखों शहदतों के बाद मिली आजादी को भीख कहना कंगना रनौत का मानसिक दिवालियापन है.