भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए 72 नए नामों का ऐलान किया है. भाजपा के उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट में पांच केंद्रीय मंत्रियों के नाम शामिल हैं. इनमें केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का भी नाम शामिल हैं, जो कि पहली बार लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत अजमाएंगे. इनके अलावा दूसरी लिस्ट में नितिन गडकरी, अनुराग ठाकुर, प्रह्लाद जोशी और राव इंद्रजीत सिंह का नाम भी शामिल है.
तीन बार राज्यसभा के सांसद रहे पीयूष गोयल को मुंबई नॉर्थ सीट से लोकसभा चुनाव में उतारा गया है. यह सीट 2014 से भाजपा के गोपाल शेट्टी के पास है. वाणिज्य और उद्योग, कपड़ा, और खाद्य एवं उपभोक्ता विभाग संभालने वाले पीयूष गोयल स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और राजीव चंद्रशेखर समेत उन लोगों की फेहरिस्त में शामिल हो गए, जो पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ेंगे.
यह भाजपा की रणनीति है कि मंत्रियों को राज्यसभा के जरिए एंट्री दिलाने की बजाय लोकसभा चुनाव के मैदान में उताया जाए, ताकि वो पार्टी को जीत दिला सकें.
आरएसएस के हेडक्वार्टर वाले नागपुर सीट से नितिन गडकरी को उतारा गया है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री गडकरी इस सीट से साल 2014 से जीतते आ रहे हैं. भाजपा की पहली लिस्ट में पीएम मोदी, अमित शाह और राजनाथ जैसे बड़े नेताओं का नाम शामिल था, लेकिन नितिन गडकरी का नाम नहीं था, ऐसे में कुछ अटकलें भी लगाई जाने लगी थीं, लेकिन दूसरी लिस्ट आने के बाद उन पर विराम लग गया.
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गडकरी से यहां तक कहा था कि अगर भाजपा उनका "अपमान" कर रही है तो उन्हें विपक्ष के साथ आ जाना चाहिए. हालांकि, गडकरी ने इसे "अपरिपक्व" और "हास्यास्पद" करार दिया था.
वहीं, हिमाचल की चार में से दो सीटें के लिए किए गए ऐलान में सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर का नाम भी है. उन्हें हमीरपुर लोकसभा सीट से टिकट दिया गया है, जहां से वह साल 2009 से चुनाव जीतते आ रहे हैं.
भारतीय जनता पार्टी इस बार के अपने लक्ष्य-370 के लिए दक्षिण पर खास फोकस कर रही है. भाजपा ने संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी को कर्नाटक की धारवाड़ सीट से मैदान में उतारा है. इस सीट से जोशी साल 2009 से सांसद हैं. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को दक्षिणी राज्यों से 29 सीटें मिली थीं, जिनमें से 25 सीटें कर्नाटक की थीं.
दूसरे केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को गुरुग्राम सीट से भाजपा ने टिकट दिया है. उनका इस सीट पर साल 2009 से कब्जा है.