बिहार में लंबे अरसे बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) किसी बैठक का आयोजन करने जा रही है. इस बैठक के दौरान पार्टी के शीर्ष नेता जिनमें गृहमंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा भी शामिल हैं, देश भर के वरिष्ठ पार्टी नेताओं से संवाद करेंगे. हालांकि, BJP की इस बैठक को लेकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार खासे उत्साहित नहीं दिख रहे हैं. यही वजह है कि वह इस बैठक से दूरी बना सकते हैं. पटना में दो दिवसीय इस बैठक में देशभर से बीजेपी के 750 से ज्यादा नेता शामिल होंगे. उधर, जनता दल यूनाइटेड इस बैठक को लेकर असहज होते दिख रहे हैं. नीतीश कुमार के समर्थक बीजेपी की इस बैठक के आयोजन के समय को लेकर भी सवाल खड़े कर रहे हैं. उनका कहना है कि राज्य इन दिनों भीषण सूखे से जूझ रहा है. जिस तरह से पटना शहर इस बैठक को लेकर होडिंग्स और बैनर से पटा पड़ा है, उससे यह सवाल तो जरूर उठता है कि आखिर ऐसे में इस बैठक के आयोजन की क्या जरूरत थी. फिलहाल बिहार में कोई चुनाव भी नहीं होने हैं, ऐसे में इस तरह की बैठक के लिए पटना को चुनना कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है.
जेडीयू से जुड़े सूत्र के अनुसार इस बात की भी आशंका जता रहे हैं कि इस बैठक के बाद बीजेपी के नेता राज्य के 200 विधानसभा क्षेत्रों में अपने नेताओं द्वारा रात्रि विश्राम की योजना बना रही है. खास बात ये है कि इन विधानसभा क्षेत्रों में जेडीयू द्वारा जीती गई सीटें शामिल नहीं हैं. सीएम नीतीश कुमार ये चाहते हैं कि बीजेपी विधानसभा चुनाव के दौरान जिन 121 सीटों पर लड़ी थी उसी पर रात्रि विश्राम की योजना बनाए.
पार्टी से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि इस बात से भी आशंकित हैं कि भाजपा 200 विधानसभा क्षेत्रों में अपने नेताओं द्वारा रात्रि विश्राम की योजना बना रही है - जद (यू) द्वारा जीती गई 43 सीटों को छोड़कर। पार्टी सूत्रों ने संकेत दिया कि श्री कुमार भाजपा नेताओं को पसंद करते कि वे विधानसभा चुनाव के दौरान सीट बंटवारे के समझौते के तहत मिली 121 सीटों पर ही डेरा डालें.
वहीं, ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि बीजेपी अपनी योजना के तहत इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन कर सकती है. वहीं बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि 200 सीटों पर हमारे नेता जाएंगे और केंद्र औऱ राज्य की उपलब्धियों के बारे में लोगों से बात करेंगे.