Punjab elections 2022 : पंजाब में बीजेपी, पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस और सुखदेव सिंह ढींढसा की पार्टी के साथ गठबंधन के तहत सीटों के बंटवारे का ऐलान सोमवार को हो गया. समझौते के तहत पंजाब में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर 65 सीटों पर लड़ेगी. अमरिंदर की पार्टी 37 सीटों पर लड़ेगी और 15 सीटों पर ढींढसा की पार्टी मैदान में उतरेगी. पंजाब में 20 फरवरी को सभी 117 सीटों पर वोट डाले जाएंगे और 10 मार्च को नतीजे आएंगे.
अमरिंदर सिंह की पार्टी ने एक दिन पहले ही उम्मीदवारों का ऐलान किया है. ढींढसा की पार्टी शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) है. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक दिन पहले यानी 22 सीटों पर अपनी पार्टी के उम्मीदवारों का ऐलान किया है. इस लिस्ट में भारतीय हॉकी टीम के पूर्व खिलाड़ी अजीत पाल सिंह का नाम भी शामिल है.
कैप्टन खुद पटियाला शहर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. अमरिंदर ने सीटों पर नामों की घोषणा करते हुए कहा था, हमने अच्छे उम्मीदवारों को उनके जीतने की संभावनाओं के आधार पर मैदान में उतारा है. साथ ही विभिन्न समुदायों और धर्मों के प्रतिनिधित्व का भी ध्यान रखा है. पंजाब लोक कांग्रेस को जो 37 सीटें मिली हैं, उसमें 26 सीटें मालवा क्षेत्र से आती हैं, जहां कैप्टन के परिवार का काफी प्रभाव माना जाता है. यह रीजन पहले के पटियाला की शाही रियासत के तहत आता है.
इसी क्षेत्र से कैप्टन अमरिंदर सिंह ने वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ी बढ़त हासिल की थी, इसमें उनके कृषि सुधारों का बड़ा योगदान था. हालांकि कैप्टन के समर्थकों का कहना है कि इस बार पूर्व मुख्यमंत्री कृषि कानूनों की वापसी के जरिये जनता का समर्थन हासिल करेंगे. पंजाब के पूर्व सीएम ने कहा है कि उनकी पार्टी के प्रत्याशियों का मजबूत राजनीतिक जनाधार और विश्वास है. उनकी स्थानीय इलाकों में जबरदस्त पकड़ भी है. हालांकि इस लिस्ट में सिर्फ एक महिला प्रत्याशी फरजाना आलम खान का नाम शामिल है, जो अकाली दल की पूर्व विधायक हैं और पूर्व पुलिस प्रमुख इजहार आलम खान की पत्नी हैं. वो मालवा क्षेत्र की मालेरकोटला सीट से चुनाव मैदान में उतरेंगी. अमरिंदर सिंह पहले ही साफ कर चुके हैं कि वो पटियाला शहर सीट से चुनाव लड़ेंगे, जो लंबे समय से उनका गढ़ रहा है.
गौरतलब है कि करीब 40 साल कांग्रेस में रहे अमरिंदर सिंह ने पंजाब के मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की कवायद के बाद कांग्रेस छोड़ दी थी. उन्होंने कृषि कानूनों की वापसी को लेकर केंद्र सरकार से संपर्क साधा था. गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात भी की थी. कृषि कानूनों की वापसी के बाद अमरिंदर सिंह ने बीजेपी के साथ पंजाब चुनाव में जाने की घोषणा की थी. इससे पंजाब में चुनावी मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है, आम आदमी पार्टी के अलावा, अकाली दल-बसपा का गठबंधन, कांग्रेस, बीजेपी-पंजाब लोक कांग्रेस के गठजोड़ के अलावा किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल की पार्टी भी चुनावी समर में उतरी है.