TMC को समर्थन देने वाले तेजस्वी यादव और अन्य नेता बाहरी क्यों नहीं हैं? : BJP

BJP प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य (Shamik Bhattacharya) ने आरोप लगाया कि राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा (Amit Mitra) ने COVID-19 महामारी के दौरान MSME क्षेत्र के बारे में भ्रामक जानकारी दी.

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पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में चुनाव होंगे. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
कोलकाता:

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस (TMC) से सवाल किया कि क्या वह तृणमूल का समर्थन कर रहे राजद नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) और पश्चिम बंगाल से बाहर की अन्य पार्टियों के नेताओं को उसी प्रकार बाहरी कहेंगे, जैसे भाजपा के नेताओं को कहा जा रहा है. भाजपा प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य (Shamik Bhattacharya) ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा (Amit Mitra) ने COVID-19 महामारी के दौरान MSME क्षेत्र के बारे में भ्रामक जानकारी दी.

उन्होंने आरोप लगाया कि प्रभावशाली मुस्लिम मौलवी अब्बास सिद्दीकी नीत पार्टी इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) जैसी विभाजनकारी ताकतें इसलिए उभर कर सामने आई हैं क्योंकि तृणमूल कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति करती रही है. भट्टाचार्य ने कहा कि तेजस्वी यादव ने सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) से मुलाकात कर बिहार के मूल निवासियों से तृणमूल को वोट देने के लिए कहा, जो आचार संहिता का उल्लंघन है.

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हालांकि भट्टाचार्य ने सीधे तौर पर तेजस्वी यादव का नाम नहीं लेते हुए उन्हें “जेल में बंद राजद नेता और पूर्व मुख्यमंत्री का पुत्र ” कह कर संबोधित किया. उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हम सुन रहे हैं कि उत्तर प्रदेश के एक नेता भी तृणमूल को नैतिक समर्थन देने का संकल्प लेने के बाद राज्य में आ रहे हैं. इसी तरह से राकांपा नेता शरद पवार के भी आने की उम्मीद है.” ‘उत्तर प्रदेश के नेता' से भट्टाचार्य का इशारा समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की ओर था.

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उन्होंने कहा, “मैं मुख्यमंत्री से एक साधारण सा सवाल पूछना चाहता हूं. आपने हमारे नेता नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जे पी नड्डा को बाहरी कहा, तो ये नेता कौन हैं.” भट्टाचार्य ने कहा, “देश के प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष को आपकी पार्टी द्वारा बाहरी बताने का तुच्छ विमर्श अब समाप्त हो चुका है.” उन्होंने कहा कि बंगाल में भाजपा के विरोध में प्रदर्शन करने के लिए आने वाले किसी भी गैर भाजपा नेता का स्वागत है लेकिन सवाल है कि उन्हें भी बाहरी क्यों नहीं कहा जाना चाहिए.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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