- बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन नबीन के अलावा यूपी और बिहार समेत कई राज्यों में अध्यक्षों की नियुक्ति हो गई
- असम विधानसभा चुनाव मार्च-अप्रैल में होने हैं जहां बीजेपी को लगातार तीसरी बार जीतने की चुनौती का सामना करना है
- बंगाल में विधानसभा चुनाव में टीएमसी को बीजेपी से कड़ी टक्कर मिलेगी और पार्टी को इस बड़े किले को फतह करना है
BJP President Nitin Nabin: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन नबीन के साथ यूपी और बिहार जैसे राज्यों में भी अध्यक्षों की घोषणा हो गई है. पार्टी ने जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, वहां के लिए प्रभारियों की नियुक्ति कर दी है. इसे अगले साल असम, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियों की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है. नए राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन की अगुवाई में बीजेपी के सामने 2026 में पांच बड़ी चुनौतियां हैं, इसमें सबसे पहले महाराष्ट्र में पार्टी के लिए बड़ा इम्तेहान होगा, जहां नगर निकाय चुनाव में पार्टी को बीएमसी समेत बड़े नगर निकायों को जीतकर अपनी लोकप्रियता साबित करना है.
महाराष्ट्र नगर निकाय चुनाव
महाराष्ट्र में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) समेत 29 नगर निकायों में 15 जनवरी को चुनाव की घोषणा हो गई है. बीजेपी की अगुवाई वाली महायुति सरकार का एक साल बाद यह पहला लिटमस टेस्ट होगा. पुणे, नागपुर समेत नगर निकायों में कुल 2869 सीटों के लिए वोट होगा. इसमें बीएमसी की 227 सीटें शामिल हैं. महाराष्ट्र नगर निकाय चुनाव में 3.48 करोड़ वोटर हैं. बीएमसी में 2022 से चुनाव लटका हुआ है.
असम विधानसभा चुनाव
असम विधानसभा चुनाव मार्च अप्रैल में कराया जा सकता है. बीजेपी यहां लगातार दो बार से सत्ता में है. 126 सीटों वाली विधानसभा में एनडीए ने 75 सीटें जीती थीं. हिमंता बिस्वा सरमा की अगुवाई में बीजेपी के लिए यहां लगातार तीसरी जीत हासिल करने की बड़ी चुनौती होगी. जबकि 2016 के चुनाव में एनडीए को 86 सीटें मिली थीं. कांग्रेस और बदरुद्दीन अजमल की एआईयूडीएफ बीजेपी को घेरने में जुटे हैं.
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बंगाल विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी परीक्षा
असम, केरल के साथ पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव मार्च अप्रैल के महीने में कराया जा सकता है. बंगाल की 294 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी दूसरी बड़ी ताकत है. पिछले चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को 215 सीटें मिली थीं, जबकि भाजपा 77 सीटें जीती थी. लेफ्ट और कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था.टीएमसी यहां लगातार तीसरी बार से सत्ता में है, भाजपा बिहार, ओडिशा के बाद बंगाल के आखिरी किले में फतह पाने की पुरजोर कोशिश कर रही है.
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केरल विधानसभा चुनाव भी चैलेंज
केरल में बीजेपी लेफ्ट और कांग्रेस के गठबंधन से अलग तीसरी ताकत बनने की कोशिश में जुटी है. हालांकि एलडीएफ ने 2021 में लगातार दूसरी बार प्रचंड बहुमत से चुनाव जीतकर सबको चौंकाया था, जबकि बीजेपी के हाथों से उसकी एकमात्र सीट भी छिन गई थी. कांग्रेस केरल नगर निकाय चुनाव रिजल्ट में बड़ी कामयाबी मिलने से उत्साहित दिख रही है.
तमिलनाडु विधानसभा चुनाव
तमिलनाडु में बीजेपी एआईडीएमके के साथ गठबंधन में सत्तारूढ़ डीएमके को हटाने की कोशिश करेगी. एमके स्टालिन की अगुवाई में डीएमके दो बार से राज्य की सत्ता में काबिज है. जयललिता के करिश्माई नेतृत्व के बाद विपक्षी गठबंधन को यहां गुटबाजी का खामियाजा भुगतना पड़ा था.
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विधानसभा चुनाव प्रभारी की नियुक्ति
बीजेपी ने असम और तमिलनाडु के लिए विधानसभा चुनाव प्रभारी का ऐलान भी कर दिया है. बैजयंत पांडा असम के चुनाव प्रभारी और पीयूष गोयल तमिलनाडु के चुनाव प्रभारी हैं. तमिलनाडु के लिए केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और केंद्रीय सहकारिता एवं उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल को चुनाव सह प्रभारी बनाया गया है. जम्मू-कश्मीर विधानसभा में नेता विपक्ष सुनील शर्मा और पूर्व मंत्री दर्शनाबेन को असम में सह प्रभारी बनाया गया है.














