गोवा (Goa) में कांग्रेस के आठ विधायकों के भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने के एक दिन बाद, कांग्रेस ने गुरुवार को राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी पर विधायकों को लुभाने के लिए उनमें से प्रत्येक को 40-50 करोड़ रुपये की पेशकश करने का आरोप लगाया. गोवा के राजनीतिक घटनाक्रम के मद्देनजर इस तटीय राज्य पहुंचे कांग्रेस के गोवा प्रभारी दिनेश गुंडू राव ने यहां संवाददाता सम्मेलन में ये आरोप लगाए. हालांकि, बीजेपीने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस के आठ विधायक मौद्रिक लाभ के लिए नहीं बल्कि बीजेपीके विकास के एजेंडे से प्रभावित होकर सत्ताधारी पार्टी में शामिल हुए. गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत सहित कांग्रेस के आठ विधायक बुधवार को सत्तारूढ़ बीजेपीमें शामिल हो गए. इससे विपक्षी दल को एक बड़ा झटका लगा और उसके पास अब 40 सदस्यीय विधानसभा में सिर्फ तीन विधायक ही बचे हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘पाला बदलने के लिए हर विधायक को 40-50 करोड़ रुपये दिये गए भुगतान किया गया, या शायद उन्हें केंद्रीय एजेंसियों का डर था. राष्ट्रीय पार्टी (BJP) हर जगह ऐसी चीजें कर रही है. ये सारा पैसा कहां से आ रहा है? वे सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं. वे चुने हुए प्रतिनिधियों को तोड़ रहे हैं.'' उन्होंने दावा किया कि बीजेपीहजारों करोड़ रुपये लेकर आ रही है और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी एजेंसियों के जरिए विपक्षी विधायकों को निशाना बना रही है. उन्होंने कहा, ‘‘क्या बीजेपीके किसी विधायक को ईडी का एक भी नोटिस जारी किया गया है? हम इस तरह की राजनीति के खिलाफ लड़ रहे हैं. यदि हम नहीं लड़ेंगे तो देश तबाह हो जाएगा.''
गोवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमित पाटकर ने आरोप लगाया कि शुरुआत में एक विधायक से (बीजेपी ने) 30 करोड़ रुपये नकद के साथ संपर्क किया था, लेकिन वह उस राशि के लिए तैयार नहीं थे. उन्होंने दावा किया कि इसलिए उन्हें राजी करने के लिए दो घंटे के भीतर अतिरिक्त 10 करोड़ रुपये देने की पेशकश की गई. उन्होंने विधायक का नाम लिए बिना कहा, लेकिन चूंकि वह उसके बाद भी तैयार नहीं थे, इसलिए उन्हें 5 करोड़ रुपये और दिए गए, जिसके बाद वह राजी हो गए. संवाददाता सम्मेलन के दौरान राव ने बीजेपीमें शामिल होने वाले विधायकों में से एक माइकल लोबो को ‘चूहा' बताते हुए उन पर निशाना साधा.
राव ने कहा, ‘‘हमने सोचा था कि वह (लोबो) एक शेर हैं, लेकिन वह एक चूहा निकले. उनमें नेतृत्व का कोई गुण नहीं है.''उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने लोबो को टिकट देने से पहले कई लोगों से सलाह ली थी और उन्होंने एक सकारात्मक प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा, ‘‘हमने सोचा था कि वह कांग्रेस में बने रहेंगे. हमने उन्हें टिकट दिया और उनका समर्थन किया. उस समय, यह एक सही निर्णय था. हमें लगा कि उनका आना हमारे लिए अच्छा होगा लेकिन इस तरह के व्यक्ति को लेना हमारी एक गलती थी.'' इस साल फरवरी में राज्य विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपीने तटीय राज्य में सत्ता बरकरार रखी थी. बुधवार को कांग्रेस विधायकों के बीजेपीमें शामिल होने से पहले सत्तारूढ़ दल के पास विधानसभा में 20 विधायक थे. विधानसभा में कांग्रेस के पास अब तीन विधायक रह गए हैं.
बीजेपी की गोवा इकाई के अध्यक्ष सदानंद शेत तनवड़े ने हालांकि कांग्रेस के आरोपों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि आठ विधायक आर्थिक लाभ के लिए नहीं बल्कि इसलिए बीजेपीमें शामिल हुए क्योंकि वे पार्टी के विकास के एजेंडे से प्रभावित थे. तनवड़े ने कहा, ‘‘बीजेपीके केंद्रीय नेतृत्व ने इन आठ विधायकों को शामिल करने को हरी झंडी दे दी, जो बिना किसी शर्त के शामिल हो गए हैं.'' उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायकों ने महसूस किया कि उनकी पार्टी का सफाया हो रहा है जबकि बीजेपी विकास के एजेंडे पर काम कर रही है.