'आत्मसम्मान से बड़ा कुछ नहीं...' : लोकसभा चुनाव से पहले गुजरात के BJP विधायक ने दिया इस्तीफा

भाजपा नेता ने कहा, “ काफी समय से मुझे महसूस हो रहा था कि पार्टी में छोटे और पुराने कार्यकर्ताओं का ध्यान नहीं रखा गया है. मैंने नेतृत्व को इससे अवगत करा दिया है.''

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गुजरात विधानसभा की कुल 182 सीट में से भाजपा के पास फिलहाल 156 सीट हैं.
वडोदरा:

लोकसभा चुनाव से पहले गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक केतन इनामदार ने “अंतरात्मा की आवाज' सुनकर मंगलवार को राज्य विधानसभा से इस्तीफा दे दिया और कहा कि “आत्मसम्मान” से बड़ा कुछ नहीं है. ईनामदार ने यह भी कहा कि उनका कदम दबाव की रणनीति नहीं है और वह संसदीय चुनावों में वडोदरा सीट से भाजपा उम्मीदवार रंजन भट्ट की जीत सुनिश्चित करने के लिए काम करेंगे.

वडोदरा जिले की सावली सीट का तीसरी बार विधानसभा में प्रतिनिधित्व कर रहे इमानदार ने विधानसभा अध्यक्ष शंकर चौधरी को अपना त्याग पत्र सौंपा. पत्र में, इनामदार ने कहा कि वह अपनी 'अंतरात्मा की आवाज' पर इस्तीफा दे रहे हैं. इससे पहले भी उन्होंने जनवरी 2020 में विधायक पद से इस्तीफे की घोषणा की थी, लेकिन तब विधानसभा अध्यक्ष ने इसे स्वीकार नहीं किया था. मंगलवार को अपना इस्तीफा देने के बाद पत्रकारों से इनामदार ने कहा कि यह दबाव की रणनीति नहीं है.

भाजपा नेता ने कहा, “ काफी समय से मुझे महसूस हो रहा था कि पार्टी में छोटे और पुराने कार्यकर्ताओं का ध्यान नहीं रखा गया है. मैंने नेतृत्व को इससे अवगत करा दिया है.''

इनामदार ने कहा कि उन्होंने 11 साल से अधिक समय तक सावली सीट का प्रतिनिधित्व किया और जब से वह भाजपा के सक्रिय सदस्य बने, तब से वह पार्टी से जुड़े हुए हैं.

उन्होंने कहा, “जैसा कि मैंने 2020 में कहा था, आत्मसम्मान से बड़ा कुछ नहीं है. यह आवाज़ अकेले केतन इनामदार की नहीं बल्कि पार्टी के हर एक कार्यकर्ता की है. मैंने पहले भी कहा है कि पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए.”

भाजपा नेता ने कहा, 'मैं यह सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात काम करूंगा कि लोकसभा चुनाव में (वडोदरा सीट से) हमारे उम्मीदवार रंजन भट्ट बड़े अंतर से जीतें. लेकिन यह इस्तीफा मेरी अंतरात्मा की आवाज का परिणाम है.'

साल 2020 में इस्तीफा देने के बाद इनामदार ने दावा किया था कि वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और मंत्री उनकी और उनके निर्वाचन क्षेत्र की अनदेखी कर रहे हैं और भाजपा के कई विधायक उनकी तरह 'हताश' महसूस कर रहे हैं.

इनामदार ने पहली बार 2012 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की थी. बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए और 2017 और 2022 में फिर विधानसभा पहुंचे. गुजरात विधानसभा की कुल 182 सीट में से भाजपा के पास फिलहाल 156 सीट हैं. गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीट पर सात मई को एक ही चरण में मतदान होगा और मतगणना चार जून को होगी.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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