BJP के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन के साथ ही संगठन और सरकार में कई बड़े बदलाव संभव - सूत्र

सूत्रों के अनुसार बीजेपी अपने नए अध्यक्ष का चयन राजनीतिक संदेश भेजने के लिए नहीं करेगी. बल्कि नया अध्यक्ष बनाते समय ध्यान रखा जाएगा कि वह संगठन को मजबूती दे सके और बेहद विशाल हो चुके इस संगठन को संभाल सके.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का अगले महीने हो सकता है चुनाव
नई दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी (BJP) का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा, इसे लेकर अभी तक तस्वीर साफ नहीं हो पाई है. संभावना जताई जा रही है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव अब अगले महीने कराया जाए. कई राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव नहीं हुए हैं और इसके अलावा नए अध्यक्ष को लेकर आम राय न बन पाना भी, चुनाव में देरी का एक बड़ा कारण बताया जा रहा है. सूत्रों के अनुसार दो ऐसे बड़े राज्य हैं जहां संगठन चुनाव न होने के कारण राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव अटका हुआ है। ये हैं उत्तर प्रदेश और गुजरात. खासतौर से उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को लेकर मामला फंसा हुआ है. बीजेपी 2027 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रख कर जातीय समीकरण साधते हुए यूपी का अध्यक्ष बनाना चाह रही है.

राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर वैसे तो कई नाम चल रहे हैं लेकिन सूत्रों का कहना है कि अभी तक किसी भी नाम पर आम राय नहीं बन सकी है. सूत्रों के अनुसार बीजेपी अपने नए अध्यक्ष का चयन राजनीतिक संदेश भेजने के लिए नहीं करेगी. बल्कि नया अध्यक्ष बनाते समय ध्यान रखा जाएगा कि वह संगठन को मजबूती दे सके और बेहद विशाल हो चुके इस संगठन को संभाल सके. यह बात इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि कहा जा रहा था कि बीजेपी नया अध्यक्ष बनाते समय क्षेत्रीय समीकरणों को ध्यान में रखेगी और दक्षिण भारत से कोई अध्यक्ष हो सकता है क्योंकि वहां बीजेपी अपना विस्तार करना चाहती है.

सूत्रों के अनुसार नए अध्यक्ष के चयन के बाद संगठन और सरकार में बड़े बदलाव हो सकते हैं. नए अध्यक्ष के चयन के बाद पार्लियामेंट्री बोर्ड, चुनाव समिति, राष्ट्रीय पदाधिकारी आदि की नियुक्ति होगी. इस बार कोशिश यह रहेगी कि पार्टी की सर्वोच्च निर्णायक संस्था पार्लियामेंट्री बोर्ड में कद्दावर नेताओं को जगह दी जाए. मौजूदा पार्लियामेंट्री बोर्ड में लोप्रोफाइल नेताओं को रखा गया है. इसके साथ ही नए राष्ट्रीय महासचिव भी होंगे. मौजूदा महासचिवों में पचास प्रतिशत की छुट्टी हो सकती है. नए राष्ट्रीय महासचिवों में युवाओं को तरजीह दी जाएगी ताकि भविष्य का नेतृत्व निर्माण हो सके.

सूत्रों के अनुसार बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मोदी मंत्रिपरिषद में फेरबदल भी संभव है. अभी 9 और मंत्री बनाए जा सकते हैं. गौरतलब है कि 2019 से 2024 के बीच मोदी मंत्रिपरिषद में सबसे अधिक 78 मंत्री बनाए गए थे. बताया जा रहा है कि बिहार और पश्चिम बंगाल चुनाव के मद्देनजर कुछ बड़े परिवर्तन हो सकते हैं. सहयोगी दलों को भी जगह दी जा सकती है. साथ ही, एनडीए में हाल ही में शामिल हुए एआईएडीएमके को भी जगह दिए जाने की बात है. कुछ नेता सरकार से संगठन में भी आ सकते हैं और नए चेहरों को सरकार में जगह मिल सकती है. 

Featured Video Of The Day
IIT Kharagpur में Gautam Adani ने कहा- 'हमें हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना है' | Atmanirbhar Bharat
Topics mentioned in this article