बिहार में चुनाव के बाद भी बीजेपी एक्‍शन में, पटना की बैठक में जमीन पर काम के निर्देश, बंगाल पर भी फोकस

पटना स्थित बीजेपी कार्यालय में आयोजित बैठक में संगठन और सरकार को इस तरीके से आगे बढ़ाने की स्पष्ट रूपरेखा सामने रखी गई कि आने वाले दिनों में बीजेपी पूरी ताकत के साथ जनता के बीच दिखाई दे.

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  • बिहार भाजपा में राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष की अध्यक्षता में भविष्य की राजनीतिक रणनीतियां तय की गईं.
  • डिप्‍टी सीएम सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल सहित मंत्री और विधायक बैठक में शामिल हुए.
  • इसमें संगठन को मजबूत करने सदस्यता अभियान चलाने और जनता के बीच सीधे जुड़ाव को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई.
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नई दिल्‍ली:

बिहार विधानसभा चुनाव बीत चुका है, सरकार भी बन चुकी है. बावजूद इसके बीजेपी का एक्‍शन लगातार जारी है. पटना स्थित बीजेपी कार्यालय में एक अहम बैठक आयोजित हुई, जिसकी अध्यक्षता राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष ने की. बैठक को बिहार राजनीति के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इसमें भविष्य की राजनीतिक और संगठनात्मक रणनीतियों को स्पष्ट रूप से तय किया गया. बैठक में बिहार सरकार के दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा, प्रदेश अध्यक्ष सह मंत्री दिलीप जायसवाल और भाजपा कोटे के सभी मंत्रियों, विधायकों और विधान पार्षदों की मौजूदगी ने इसे खास बना दिया.

सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में संगठन और सरकार को इस तरीके से आगे बढ़ाने की स्पष्ट रूपरेखा सामने रखी गई कि आने वाले दिनों में बीजेपी पूरी ताकत के साथ जनता के बीच दिखाई दे. पार्टी नेतृत्व ने साफ संदेश दिया कि अब जमीन पर काम और जनता से सीधा जुड़ाव ही सर्वोच्च प्राथमिकता होगी.

बैठक में दिए गए प्रमुख निर्देश

  1. बैठक के दौरान मंत्रियों और विधायकों के लिए कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश तय किए गए, जिनका सीधा संबंध जनता और शासन के प्रदर्शन से है. इसके तहत विधायकों और विधान पार्षदों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, ताकि संगठनात्मक और प्रशासनिक कार्यों को बेहतर तरीके से लागू किया जा सके.
  2. सदस्यता अभियान को और मजबूत बनाने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि पार्टी का संगठन गांव-गांव तक विस्तार कर सके.
  3. निचले तबके के लोगों तक सरकारी योजनाओं का अधिकतम लाभ पहुंचाने पर जोर दिया गया. इसके लिए संबंधित मंत्रियों और विभागों को अधिक सक्रिय रहने के निर्देश दिए गए.
  4. मंत्रियों से कहा गया कि अनावश्यक शो ऑफ से बचें और जनता के बीच अधिक समय बिताएं.
  5. पिछली सरकार की गलतियों की पुनरावृत्ति नहीं होने दी जाएगी, खासकर जिन मंत्रियों पर आरोप लगे थे जैसी परिस्थिति दोबारा न बने.
  6. सुशासन की स्थापना और लॉ एंड ऑर्डर को सख्ती से लागू करना, सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल रखा गया.
  7. विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे लगातार मैदान में रहें और जनता के साथ सीधा संवाद बनाए रखें.

इन निर्देशों से यह साफ हो गया है कि बीजेपी राज्य में एक अधिक अनुशासित, परिणाम-आधारित और जनकेंद्रित शासन मॉडल पर जोर दे रही है.

पश्चिम बंगाल चुनाव पर भी चर्चा

बैठक केवल बिहार तक सीमित नहीं रही. इसमें आगामी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर भी विस्तृत रणनीतिक चर्चा हुई. माना जा रहा है कि पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने बिहार इकाई को पश्चिम बंगाल चुनाव प्रबंधन में विशेष भूमिका निभाने की जिम्मेदारी देने का संकेत दिया है यानी बिहार की बीजेपी टीम बंगाल चुनाव में भी सक्रिय भागीदारी निभाती नजर आ सकती है.

इस बैठक ने स्पष्ट कर दिया है कि बीजेपी बिहार में संगठन और सरकार दोनों स्तरों पर पूरी क्षमता और एकजुटता के साथ आगे बढ़ने के मूड में है. आने वाले महीनों में पार्टी की राजनीतिक गतिविधियों, सरकारी प्रदर्शन और चुनावी तैयारी, तीनों में तेजी देखने को मिलेगी. जमीन पर मजबूती, जनता से जुड़ाव और सुशासन यही आगे की दिशा और प्राथमिकता होगी.

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