कोविड-19 की खौफ पैदा करने वाली दूसरी लहर भी चुनावी रैलियों को लेकर जोश को कम नहीं कर पाइ है. तेलंगाना राज्य में सात शहरी निकायों के चुनाव प्रचार के आखिरी दिन, भारतीय जनता पार्टी ने भारी भीड़ से भरी रैलियों की फोटो ट्वीट की है. हालांकि सोशल मीडिया यूजर्स की तीखी आलोचना के बाद इन पोस्ट को डिलीट कर दिया गया. तेलगांना राष्ट्र समिति और कांग्रेस सहित अन्य पार्टियां भी कोविड प्रोटोकाल की अनदेखी करते हुए चुनाव प्रचार कर रही हैं.बीजेपी को पिछले साल तेलंगाना में दिसंबर में निकाय चुनावों में वृहद स्तर पर प्रचार के लिए भी उस समय काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था जब पार्टी ने अमित शाह, जेपी नड्ढा और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के रोड शो किए थे. लेकिन 30 अप्रैल को होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव के लिए पार्टी एक बार फिर बड़े स्तर पर प्रचार में जुटी है. वारंगल म्युनिसिपल कार्पोरेशन चुनाव के लिए बीजेपी के प्रचार की अगुवाई राज्य इकाई के अध्यक्ष बांदी संजय कर रहे है, उन्होंने एक मीटिंग में कहा कि बीजेपी का झंडा वारंगल में ऊंचा लहराना चाहिए.
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केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने भी वारंगल और खम्मम ने बड़ी बैठकों को संबोधित किया. उन्होंने लोगों से कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री ने हेल्थ केयर को अनदेखा किया जबकि पीएम नरेंद्र मोदी ने वारंगल में सुपर स्पेशियालिटी हॉस्पिटल और ऑक्सीजन प्लांट को मंजूरी दी. सत्ताधारी तेलंगाना राज्य समिति (TRS) भी प्रचार में बहुत पीछे नहीं है. सीएम के चंद्रशेखर राव और उनके बेटे केटी रामाराव कोविड पॉजिटिव हैं लेकिन राज्य के अन्य मंत्री खम्मम और अन्य स्थानों पर प्रचार में जुटे हुए हैं. खास बात यह है कि सीएम KCR नागार्जुन सागर में उपचुनाव के प्रचार के लिए एक बड़ी रैली में शामिल होने के कुछ दिन बाद ही पॉजिटिव पाए गए हैं. बैठक को आयोजित करने वाले 60 से ज्यादा नेता पॉजिटिव हुए हैं.
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गौरतलब है कि मंगलवार की रैली ऐसे समय सामने आई हैं जब मद्रास हाईकोर्ट ने (Madras High Court) ने कोरोना महामारी के दौरान राजनीतिक रैलियों की अनुमति देने के लिए सोमवार को चुनाव आयोग (Election Commission) की कड़ी आलोचना की थी. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने चुनाव आयोग के वकील से कहा, "आपकी संस्था एकल रूप से COVID -19 की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार है." कोर्ट ने कहा था कि यदि मतगणना का "ब्लूप्रिंट" नहीं रखा जाता है तो कोर्ट मतगणना पर रोक लगा देगी. कोरोना के प्रकोप को लेकर मद्रास हाईकोर्ट की फटकार के बाद चुनाव आयोग ने मंगलवार को विधानसभा चुनावों के नतीजों के ऐलान से पहले बड़ा फैसला लिया. आयोग के अनुसार नतीजों के बाद जीत के जूलूस पर पाबंदी होगी. यानी कि जीत का जश्न सड़कों पर मनाने की मनाही होगी.