इंडिया कोऑपरेटिव बैंक से जुड़े गबन मामले में क्यों आया बीजेपी नेता के भाई का नाम, पढ़ें

अरुणाचलम को क्रॉफर्ड मार्केट इलाके से गिरफ्तार किया गया और पूछताछ के दौरान, कथित तौर पर उसने 2021 में हितेश मेहता से 32 करोड़ रुपये प्राप्त करने की बात स्वीकार की थी.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
(प्रतीकात्मक तस्वीर)

इंडिया कोऑपरेटिव बैंक से जुड़े 122 करोड़ रुपये के गबन मामले में आर्थिक अपराध शाखा ने भाजपा के पूर्व महाराष्ट्र सचिव हैदर आजम के छोटे भाई हाजी जावेद आजम को गिरफ्तार किया है. आजम को सोमवार देर शाम हिरासत में लिया गया, जब उनका नाम उन्नाथन अरुणाचलम उर्फ अरुण भाई से पूछताछ के दौरान सामने आया, जिन्हें शनिवार को गिरफ्तार किया गया था.

अरुणाचलम को क्रॉफर्ड मार्केट इलाके से गिरफ्तार किया गया और पूछताछ के दौरान, कथित तौर पर उसने 2021 में हितेश मेहता से 32 करोड़ रुपये प्राप्त करने की बात स्वीकार की थी. इस राशि में से, अरुणाचलम ने 15-20 करोड़ रुपये सुरक्षित रखने के लिए जावेद आजम को सौंपने का दावा किया था.

ईओडब्ल्यू ने अरुणाचलम के बयानों का समर्थन करने के लिए परिस्थितिजन्य साक्ष्य एकत्र किए हैं. जांचकर्ताओं ने पाया कि हितेश मेहता ने अरुणाचलम को पैसे देने से पहले दो अलग-अलग बैंकों से 18 करोड़ रुपये निकाले थे, जहां यह पैसा फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) के रूप में रखा गया था. एनआईसी बैंक में जमा करने के बजाय, फंड अरुणाचलम को डायवर्ट कर दिया गया, जबकि आधिकारिक रिकॉर्ड में गलत तरीके से कहा गया कि नकदी बैंक की तिजोरी में सुरक्षित थी.

Advertisement

ईओडब्ल्यू अब आजम के वित्तीय लेन-देन की जांच कर रहा है और यह देख रहा है कि क्या उनके राजनीतिक संबंधों ने अपराध को छिपाने में भूमिका निभाई? ऐसा संदेह है कि उन्होंने बिहार में अपने व्यवसाय में पैसे का निवेश किया है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Top 50 Headlines March 18: Nagpur Violence | Sunita Williams Return | PM Modi In Lok Sabha | Bihar