CM सैनी लाडवा से लड़ सकते हैं चुनाव, BJP ने हरियाणा के 90 में से 55 उम्मीदवार किए तय : सूत्र

बीजेपी की हरियाणा कोर कमेटी की गुरुवार को दिन में 6 घंटे से अधिक समय तक बैठक चली थी. जिनमें कई नामों पर सहमति बनी थी. राज्य कमेटी की बैठक के बाद CEC की बैठक हुई. इस बैठक में पीएम मोदी ने भी हिस्सा लिया.

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नई दिल्ली:

हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) के लिए उम्मीदवारों के चयन को लेकर भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली में एक बैठक हुई. इस बैठक में 55 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए गए हैं. लोकसभा चुनाव हार चुके अरविंद शर्मा को टिकट मिलने की संभावना है. करनाल से अरविंद शर्मा चुनाव लड़ सकते हैं. राव इंद्रजीत की बेटी अटेली से चुनाव लड़ सकती हैं. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी लाडवा से चुनाव लड़ सकते हैं. बची हुई 35 सीटों पर हरियाणा कोर कमेटी में फिर से चर्चा होगी. 

गौरतलब है कि बीजेपी की हरियाणा कोर कमेटी की गुरुवार को दिन में 6 घंटे से अधिक समय तक बैठक चली थी. जिनमें कई नामों पर सहमति बनी थी. राज्य कमेटी की बैठक के बाद केंद्रीय कमेटी की बैठक हुई. इस बैठक में पीएम मोदी ने भी हिस्सा लिया. 

हरियाणा में एक अक्टूबर को मतदान
हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए एक अक्टूबर को मतदान होगा.  मतगणना चार अक्टूबर को होगी. हरियाणा में वर्तमान में भाजपा की सरकार है. उसकी चुनौती राज्य में अपनी सत्ता को बरकरार रखना है. हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव में राज्य में विपक्षी मतों के एकजुट होने से भाजपा की सीट संख्या घटकर पांच रह गई तथा शेष सीट कांग्रेस के खाते में चली गईं. पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य में सभी 10 सीट पर जीत हासिल की थी.

पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को सबसे ज्यादा 40 सीट मिलीं. कांग्रेस 31 सीट जीतकर मुख्य विपक्षी पार्टी बनी थी. जननायक जनता पार्टी (जजपा) 10 सीट जीतने में सफल रही थी. सात सीट निर्दलीय को, इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) को एक और हरियाणा लोकहित पार्टी को एक सीट पर जीत मिली थी.

बीजेपी और जेजेपी ने मिलकर बनायी थी सरकार
विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा ने जजपा के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार बनाई थी. मनोहर लाल फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बने थे जबकि जजपा के दुष्यंत चौटाला उपमुख्यमंत्री बने. हालांकि लोकसभा चुनाव में सीट साझेदारी को लेकर असहमति के बाद यह गठबंधन टूट गया. बाद में भाजपा ने निर्दलीय विधायकों के समर्थन के दम पर अपनी सरकार बचा ली. कुछ दिनों के बाद भाजपा ने खट्टर को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया और नायब सिंह सैनी को राज्य की कमान सौंपी.

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