BJP नेता शहजाद पूनावाला और BJP आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने राहुल गांधी और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि एक कंपनी का विरोध करते-करते कांग्रेस देश विरोध में उतर आई है. BJP नेताओं ने राहुल गांधी पर यह निशाना अदाणी ग्रुप पर लगाए गए आरोपों को लेकर साधा है. अमेरिका में अदाणी ग्रुप पर रिश्वत का आरोप लगा है, जिन्हें ग्रुप ने सिरे से खारिज करते हुए आधारहीन बताया है.
BJP के युवा नेता और पार्टी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एक वीडियो मैसेज जारी कर कांग्रेस को देश विरोधी बताया है. पूनावाला ने कहा, "कांग्रेस पार्टी एक कंपनी का विरोध करते करते, देश के विरोध में उतर आई है. पार्टी के नेता सैम पित्रोदा कहते हैं कि पूरा भारत बदनाम हो गया. उन्होंने ये बात उस रिपोर्ट के आधार कही, जिसमें लिखा है कि ये आरोप हैं, ये अभी तक साबित नहीं हुए हैं."
शहजाद पूनावाला ने कहा, "कांग्रेस के एक और नेता उदित राज का कहना है कि इस मामले से पूरे भारत की ज्यूडिशियरी पर सवाल खड़े होते हैं. यानी अमेरिका की ज्यूडिशियरी बहुत अच्छी है.. मतलब जब ज्यूडिशियरी आपके हक में फैसला करे, तो ठीक. वरना खराब." उन्होंने आगे कहा, "इससे पहले हिंडनबर्ग रिपोर्ट लेकर कांग्रेस पार्टी ने संसद के सत्र को टारगेट किया. लेकिन रिपोर्ट में कुछ नहीं निकला. खुद सुप्रीम कोर्ट ने इसपर अपना फैसला दिया था. अब संसद के सत्र से पहले एक नई रिपोर्ट आ गई है. इस रिपोर्ट में 2021-22 में जो प्रदेश बताए जा रहे हैं, जहां पर तथाकथित रूप से घूस दी गई थी...वो कौनसे प्रदेश हैं? ये प्रदेश छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा थे. जहां BJP की सरकार नहीं थी. इन राज्यों में तो कांग्रेस की ही सरकार थी."
पूनावाला सवाल पूछते हैं, "यानी कांग्रेस खुद कबूल कर रही है कि उसने रिश्वत ली है. राहुल गांधी को इसका जवाब देना चाहिए. वो तो खुद पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं. ये ही इनके दोहरे मापदंड हैं."
आगे बढ़ा रहे 'अंकल सोरोस' का एजेंडा
उन्होंने कहा, "ये पार्टी तेलंगाना में उसी ग्रुप से पैसा लेगी. राजस्थान में अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल भी उसी ग्रुप से पैसे लेते थे. तब वो चमत्कार था. आज सिर्फ और सिर्फ देश को बदनाम करने, आर्थिक अराजकता फैलाने और 'अंकल सोरोस' का एजेंडा आगे बढ़ाने के लिए ये पार्टी किसी भी अधूरी रिपोर्ट के साथ संसद सत्र से पहले फुल फ्लैश पॉलिटिक्स में उतर आई है."
अमित मालवीय ने 'टाइमिंग' पर उठाए सवाल?
दूसरी ओर, BJP IT सेल के हेड अमित मालवीय ने राहुल गांधी के बयान की टाइमिंग पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "ये कोई इत्तेफाक नहीं हो सकता कि राहुल गांधी और अमेरिकी कारोबारी जॉर्ज सोरोस (16 फरवरी 2023) दोनों एक ही भाषा बोल रहे हैं. ये भी इत्तेफाक नहीं हो सकता है कि फरवरी 2023 में जब अदाणी ग्रुप ने अपने फॉलो ऑन पब्लिक ऑफरिंग (FPO) के जरिए 20,000 करोड़ का फंड जुटाया, उसी समय हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आई."
अमित मालवीय लिखते हैं, "ये तो कतई संयोग नहीं हो सकता कि अमेरिका में निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने न्याय विभाग पर शक्तियों के दुरुपयोग के आरोप लगाए. फिर अदाणी ग्रुप ने 600 मिलियन अमेरिकी डॉलर के बॉन्ड की पेशकश की योजना के बीच अमेरिकी न्याय विभाग का बयान सामने आया."
दोनों ही मामलों में कांग्रेस और राहुल गांधी ने जॉर्ज सोरोस के अधीन एक तरह से गुलामों की तरह बर्ताव किया. एक निवेशक की ओर से इंडिया इंक पर हमला शुरू करने में राहुल गांधी की आखिर क्या दिलचस्पी हो सकती है?
संबित पात्रा बोले-ये राहुल गांधी की सामान्य रणनीति
वहीं, BJP सांसद संबित पात्रा ने कहा, "भारत और देश के लिए काम करने वाली संस्थाओं पर हमला करना राहुल गांधी की सामान्य रणनीति है. उन्होंने राफेल मुद्दे को भी इसी तरह से उठाया था. राहुल भले ही प्रधानमंत्री मोदी की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हों, लेकिन उनकी विश्वसनीयता इतनी ज्यादा है कि हाल ही में विदेश में उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा गया है."
अदाणी समूह ने अमेरिका में रिश्वत के आरोपों को झूठा और निराधार बताया
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