राष्ट्रपति चुनाव से दो दिन पहले शनिवार को पश्चिम बंगाल में भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ‘आदिवासी विरोधी' करार देते हुए जगह-जगह पोस्टर लगाये. बंगाली और हिंदी में लगाये गये इन पोस्टरों में दावा किया गया है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार एवं आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू का समर्थन नहीं कर तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने अपनी ‘आदिवासी विरोधी मानसिकता' प्रदर्शित की है. पोस्टर में लोगों को यह सूचित करने के लिए मुर्मू की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ तस्वीरें हैं कि वह 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में राजग प्रत्याशी हैं.
मालदा, झारग्राम और पश्चिम मेदिनीपुर में चस्पा किये गये पोस्टर में कहा गया है, ‘‘ एक ऐसी शख्सियत, जो आदिवासी महिला हैं, का समर्थन नहीं कर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी आदिवासी विरोधी मानसिकतता प्रदर्शित की है.''
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भाजपा के एक बयान के अनुसार जनजातीय क्षेत्रों समेत पूरे राज्य में ऐसे 50,000 पोस्टर लगाये गये हैं. माल्दाहा उत्तर से भाजपा सांसद खगेन मुर्मू ने कहा, ‘‘ द्रौपदी मुर्मू एक आदिवासी महिला हैं जो बहुत गरीब पृष्ठभूमि से आती हैं. वह आज जिस मुकाम पर हैं, वहां पहुंचने के लिए उन्होंने अपने तरीके से संघर्ष किया. उनकी जीवन यात्रा प्रेरणादायी गाथा है. उनका समर्थन नहीं कर बनर्जी ने दिखा दिया कि वह न तो महिला सशक्तिकरण और न ही आदिवासियों को लेकर गंभीर हैं.''
वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि बनर्जी आदिवासियों एवं दलितों के उत्थान के लिए कटिबद्ध हैं तथा उन्हें भाजपा से प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं हैं. तृणमूल कांग्रेस सांसद सुखेंदु शेखर राय ने कहा, ‘‘ भाजपा का ट्रैक रिकार्ड देखिए, कैसे उसने दलितों, अल्पसंख्यकों पर अत्याचार किये हैं. वह ऐसा बेतुका आरोप लगा रही है...पश्चिम बंगाल में उसके पैरों तले जमीन तेजी से खिसक रही है.''