नवीन पटनायक के करीबी बीजद नेता पांडियन ने सक्रिय राजनीति से लिया संन्यास

ओडिशा की 147 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में भाजपा को 78 और बीजू जनता दल को 51 सीटों पर जीत मिली है. कांग्रेस ने 14 और माकपा ने एक सीट जीती, जबकि तीन निर्दलीय उम्मीदवार विजयी रहे. वहीं, लोकसभा की 21 सीटों में से 20 भाजपा के खाते में और एक कांग्रेस के खाते में गई जबकि बीजद एक भी सीट नहीं जीत सकी.

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भुवनेश्वर:

ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के करीबी माने जाने वाले बीजू जनता दल (बीजद) के नेता वी.के. पांडियन ने रविवार को सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया. पांडियन ने रविवार को एक वीडियो जारी कर अपने फैसले की घोषणा की. पूर्व आईएएस अधिकारी ने कहा कि उन्होंने "अपनी अंतरात्मा की आवाज पर यह फैसला किया है.

उन्होंने हाल ही में विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार की तरफ इशारा करते हुए कहा कि वह कुछ पॉलिटिकल नैरेटिव का समय पर जवाब देने में असफल रहे. उन्होंने कहा कि उनके ऊपर विरोधी दलों द्वारा लगाये गये आक्षेप यदि इस चुनाव में पार्टी की हार का कारण रहे हैं तो वह इसके लिए माफी चाहते हैं.

ओडिशा की 147 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में भाजपा को 78 और बीजू जनता दल को 51 सीटों पर जीत मिली है. कांग्रेस ने 14 और माकपा ने एक सीट जीती, जबकि तीन निर्दलीय उम्मीदवार विजयी रहे. वहीं, लोकसभा की 21 सीटों में से 20 भाजपा के खाते में और एक कांग्रेस के खाते में गई जबकि बीजद एक भी सीट नहीं जीत सकी.

इस हार से साथ ही राज्य में 24 साल से ज्यादा चली नवीन पटनायक की बीजद सरकार के हाथ से सत्ता चली गई. पिछले साल 27 नवंबर को औपचारिक तौर पर पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने वाले पांडियन 12 साल तक मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निजी सचिव रहे. इस चुनाव में भाजपा उन पर काफी हमलावर रही.

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा ने पांडियन पर आरोप लगाया था कि उन्‍होंने मुख्यमंत्री पटनायक को अपने "कब्जे" में कर लिया गया है और उन्हें एक व्यक्ति द्वारा कठपुतली के रूप में नियंत्रित किया जा रहा है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हाल के दिनों में जारी किए गए "नवीन बाबू" के अधिकांश वीडियो वास्तविक नहीं हैं और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग से मुख्यमंत्री के "डीपफेक वीडियो" तैयार किए जा रहे हैं.

पांडियन ने कहा कि वह सिर्फ "मेरे गुरू" नवीन पटनायक और ओडिशा के लोगों की मदद करने के लिए राजनीति में आए थे. उनकी कोई राजनीतिक आकांक्षा नहीं थी और इसलिए उन्होंने कभी चुनाव भी नहीं लड़ा.

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उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें उनके दादा से संपत्ति मिली थी, उसके अलावा देश या विदेश में उनकी कोई संपत्ति नहीं है. उनकी सबसे बड़ी संपत्ति "ओडिशा के लोगों का प्यार और स्नेह है". पांडियन ने कहा कि यदि उन्होंने किसी का दिल दुखाया है तो वह माफी मांगते हैं. उन्होंने बीजद के लाखों कार्यकर्ताओं का आभार जताया.

वीडियो के अंत में उन्होंने कहा, "ओडिशा हमेशा मेरे दिल में, मेरे गुरु नवीन बाबू मेरी सांसों में और भगवान जगन्नाथ मेरी आस्था में हैं."

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